सरसों रबी फसल की एक प्रमुख तिलहन फसल है. इस फसल का भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान है. सरसों की खेती किसानों के लिए काफी लोकप्रिय खेती है. इस फसल की खेती कम सिंचाई और कम लागत में आसानी से हो जाती है. वहीं, सरसों की बुवाई का सबसे अच्छा समय सितंबर के आखिरी हफ़्ते से अक्टूबर के पहले हफ़्ते तक का होता है. ऐसे में अगर आप भी सरसों की खेती करना चाहते हैं और इसका बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से सरसों की बेहतर "गिरिराज" किस्म के उत्तम बीज ऑनलाइन आसानी से अपने घर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन सरसों की "गिरिराज" किस्म के उत्तम बीज बेच रहा है. इन बीजों को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार के फलों और सब्जियों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
संरसों "गिरिराज" किस्म के उत्तम बीज अब ONDC प्लेटफॉर्म पर NSC के ऑनलाइन स्टोर से खरीदें|
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) September 12, 2024
ऑर्डर @ https://t.co/fWuYDcQ4JR
1 kg. पैक @ 150/-रुपये|#NationalSeedsCorpLtd #FarmSona @AgriGoI @ChouhanShivraj @mpbhagirathbjp @mkaurdwivedi pic.twitter.com/NuJaCwOm2X
सरसों की गिरिराज किस्म की विशेषता ये है कि यह किस्म 130 से 140 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है. इस किस्म के सरसों में प्रोटीन, फाइबर और खनिजों सहित पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत होता है. साथ ही सरसों के इस किस्म के बीज का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है. इसे सलाद, सूप और स्टू में डाला जा सकता है या इनका इस्तेमाल कई तरह के सॉस और ड्रेसिंग बनाने में किया जा सकता है. इसकी फलियां लंबी होती हैं और फलियों में दानों की संख्या 17 से 18 तक होती है. दानों का आकार मोटा है. इसके अतिरिक्त इसकी फलियों वाली शाखाएं लंबी होती हैं और उनमें फुटाव भी ज्यादा होती है.
अगर आप भी सरसों की उन्नत किस्म की खेती करना चाहते हैं तो गिरिराज किस्म के एक किलो के पैकेट फिलहाल 25 फीसदी छूट के साथ 150 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएंगे. इसे खरीद कर आप आसानी से सरसों की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
सरसों की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत को तैयार कर लें. इसके बाद खेत की ट्रैक्टर से दो या तीन बार अच्छी तरह से जुताई कर देनी है. इसके अलावा खेत की कल्टीवेटर से भी दो से तीन बार जुताई कर देनी चाहिए. इसके बाद खेतों में गोबर को मिट्टी में मिलाकर जुताई पूरी कर लें, फिर उसके बाद सरसों की फसल की बुवाई कर देनी चाहिए.
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