ऑनलाइन पेमेंट में सटीकता बनाए रखने के साथ ही धोखाधड़ी पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार सख्ती बरत रही है. बड़े पैमाने पर भारतीय पेटीएम, गूगल पे, फोन पे समेत अन्य यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए डिजिटल भुगतान करते हैं. अगर आपने भी डिजिटल पेमेंट के लिए यूपीआई आइडी बनाई है तो आपके लिए नेशनल पेमेंट कॉरर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने सख्त गाइडलाइन जारी की है. एनपीसीआई ने कुछ यूजर्स के लिए कहा है कि इस माह उनकी यूपीआई आइडी बंद हो जाएगी.
ऑनलाइन पेमेंट करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. आरबीआई के जुलाई में जारी आंकड़ों के अनुसार डिजिटल पेमेंट में 13.24 प्रतिशत की बढ़ी है. यूपीआई के जरिये डिजिटल ट्रांजैक्शन की संख्या अगस्त में कई गुना बढ़कर 10 बिलियन के पार हो गई है. वर्ल्डलाइन की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2018 में यूपीआई से 15.1 करोड़ ट्रांजैक्शन किए गए थे और यह संख्या जून 2023 में बढ़कर 9.3 बिलियन हो गई थी. इसके पीछे परसन टू मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शन में तेजी कारण है.
आरबीआई की 2022-2023 की एनुअल रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड की सालाना कुल संख्या 13,530 रही है. इन ऑनलाइन फ्रॉड के जरिए 30,252 करोड़ रुपये की हेरफेर हुई. इन फ्रॉड मामलों में 49 फीसदी मामले डिजिटल पेमेंट, कार्ड, इंटरनेट कैटेगरी के थे. डिजिटल पेमेंट में फ्रॉड के इन मामलों को देखते हुए सरकार पर सुरक्षा और बेहतर करने के लिए दबाव बनाया है, जिसके चलते सरकार के निर्देश पर आरबीआई और एनपीसीआई ने कई बदलाव किए हैं.
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नेशनल पेमेंट कॉरर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने Google Pay, Paytm, PhonePe जैसी पेमेंट प्लेटफॉर्म और बैंकों से उन यूपीआई आईडी और नंबरों को बंद करने या निष्क्रिय करने के निर्देश दिए हैं जो एक साल से अधिक समय से एक्टिव नहीं हैं. यानी जिन यूपीआई आईडी से लेनदेन नहीं किया गया है उन्हें बंद करने को कहा गया है. लेकिन, 31 दिसंबर से पहले लेनदेन किया जाता है तो ऐसी यूपीआई आईडी को बंद नहीं किया जाएगा.
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एनपीसीआई का यह कदम डिजिटल पेमेंट को पहले से ज्यादा सुरक्षित बना देगा और फ्रॉड मामलों को रोकने में मदद लगेगी. कई मामलों में देखा गया है कि यूजर मोबाइल नंबर के इस्तेमाल से यूपीआई आइडी बना लेते हैं और बाद में मोबाइल नंबर बदल लेते हैं, लेकिन यूपीआई आइडी डिएक्टीवेट करना भूल जाते हैं. ऐसी स्थिति में गलत तरीके से ट्रांजैक्शन या धोखाधड़ी का खतरा बढ़ जाता है. एनपीसीआई ने डिजिटल पेमेंट में फ्रॉड की संभावना खत्म करने के लिए अब कमर कस ली है.
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