देश में अब किसानों को ना सिर्फ खेती में मुनाफे के लिए प्रेरित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें एग्री बिजनेस और फूड प्रोसेसिंग आदि जैसे कार्यक्रमों से भी जोड़ा जा रहा है. इसमें कृषि उत्पादों को GI टैग, एक जिला एक उत्पाद (ODOP) जैसी पहलें भी बड़ी भूमिका निभा रही है. ऐसे ही उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का जीआई-टैग वाला गुड़ भी अब जिले के किसानों के लिए आय बढ़ाने का साधन बन रहा है. यहां का गुड़ अपने उच्च गुणवत्ता वाले गन्ने के लिए प्रसिद्ध है. इसे बांग्लादेश में निर्यात किया गया है. वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि 30 मीट्रिक टन की खेप बांग्लादेश को निर्यात की गई है.
यह पहल किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) के माध्यम से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बांग्लादेश को गुड़ के सीधे निर्यात की शुरुआत का प्रतीक है. निर्यात को लेकर शामली के विधायक प्रसन्न चौधरी ने बताया कि मुजफ्फरनगर और शामली में बनने वाला गुड़ की बेहतर क्वालिटी का होता है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी काफी मांग है.
उन्होंने निर्यात को सुविधाजनक बनाने में लगातार साथ देने के लिए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) को धन्यवाद दिया और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने में राज्य सरकार के समर्थन के महत्व पर जोर दिया.
2023 में गठित बृजनंदन एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीसी) में 545 सदस्य हैं, इनमें दो महिला निदेशक शामिल हैं. एफपीओ गुड़, गन्ना उत्पाद, बासमती चावल और दालों का निर्यात करता है. बीईडीएफ से प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता के साथ, इसके सदस्य अंतरराष्ट्रीय उत्पादन और निर्यात मानकों को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हैं.
एपीडा की मदद से, यह कृषि निर्यात में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एफपीओ की तीसरी सफलता की कहानी है, इससे पहले 2023 और 2024 में नीर आदर्श ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा लेबनान और ओमान को बासमती चावल का निर्यात किया गया था.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में यह एकमात्र एफपीओ है, जिसे राज्य की कृषि निर्यात नीति के तहत 4 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिली है. इस अवसर पर बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन (एपीडा) द्वारा बासमती चावल और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात संवर्धन पर एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया.
निर्यात-गुणवत्ता उत्पादन पर चर्चा में लगभग 220 किसानों ने भाग लिया. वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि यह पहल उत्तर प्रदेश के लिए कृषि निर्यात अवसरों का विस्तार करने, किसानों को सशक्त बनाने और भारत के कृषि क्षेत्र के लिए एक टिकाऊ और लाभदायक भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. (एएनआई)
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