प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने अब तक के सबसे लंबे भाषण में किसानों को समर्पित कई बड़ी घोषणाएं की. उन्होंने कहा कि देश के 100 पिछड़े कृषि जिलों को चुना गया है, जिन्हें ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ के जरिए अन्य विकसित कृषि क्षेत्रों की बराबरी पर लाया जाएगा. पीएम मोदी ने किसानों को भारत की आत्मनिर्भरता की रीढ़ बताते हुए भावुक स्वर में कहा कि थोड़ी मदद मिले तो इन जिलों के किसान भी देश के अन्य किसानों की तरह आगे बढ़ सकते हैं.
इस योजना को मंत्रिमंडल ने 16 जुलाई को मंजूरी दी थी. इसके तहत सालाना 24,000 करोड़ रुपये खर्च कर खेती की उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने, भंडारण व सिंचाई सुविधाएं विस्तार करने और किसानों की ऋण पहुंच को आसान बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
मोदी ने कहा कि चाहे छोटे किसान हों, पशुपालक हों या मछुआरे, सभी को सरकारी योजनाओं से लाभ मिल रहा है. पीएम किसान सम्मान निधि, वर्षा जल संचयन, सिंचाई परियोजनाएं, उच्च गुणवत्ता वाले बीज और समय पर खाद उपलब्ध कराने जैसी पहल ने किसानों का आत्मविश्वास मजबूत किया है.
पशुपालन क्षेत्र में मुंहपका-खुरपका बीमारी (FMD) से निपटने के लिए अब तक 125 करोड़ वैक्सीन डोज़ मुफ्त दी जा चुकी हैं. प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि अंग्रेज़ी हुकूमत ने देश को कंगाल कर दिया था, लेकिन किसानों की मेहनत से ही भारत के अन्न भंडार भरे और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई.
उन्होंने कहा, “भारत के किसान देश की अर्थव्यवस्था में विशाल योगदान देते हैं और उनकी मेहनत रंग ला रही है.” आज भारत दूध, दाल और जूट उत्पादन में दुनिया में पहले स्थान पर है, जबकि चावल, गेहूं, कपास, फल और सब्ज़ियों में दूसरा. कृषि निर्यात भी 4 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर चुका है.
लाल किले से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर किसानों को केंद्र में रखकर आत्मनिर्भर भारत का संदेश दिया. अमेरिकी टैरिफ चुनौती और वैश्विक व्यापार गतिरोध के बीच पीएम मोदी ने बिना नाम लिए अमेरिका को इशारों में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भोजन की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती थी, लेकिन हमारे किसानों की मेहनत ने भारत को आत्मनिर्भर बनाया. मोदी ने साफ कहा कि किसान, पशुपालक और मछुआरे सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं और उनके हितों पर कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसानों से जुड़ी हर नीति और चुनौती के सामने वह दीवार की तरह खड़े रहेंगे.
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