Explained: मशरूम से बनेगा प्लास्टिक! चौंकिए मत...हेडफोन और जूते के फोम भी बनेंगे

Explained: मशरूम से बनेगा प्लास्टिक! चौंकिए मत...हेडफोन और जूते के फोम भी बनेंगे

आप सोच रहे होंगे कि कहां मशरूम और कहां प्लास्टिक. कहां मशरूम इतना मुलायम और प्लास्टिक इतना लचीला. जो चीज मुलायम होगी उसके टूटने-फूटने की आशंका उतनी ही अधिक होगी. फिर उससे प्लास्टिक जैसी चीज कैसे बनाई जाएगी?

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Explained: मशरूम से बनेगा प्लास्टिक! चौंकिए मत...हेडफोन और जूते के फोम भी बनेंगेमशरूम से प्लास्टिक बनाने में लगे वैज्ञानिक (सांकेतिक तस्वीर-Freepik)

बस वक्त का इंतजार कीजिए. आप जिस मशरूम से बने तरह-तरह के व्यंजन खाते हैं, उससे पता नहीं क्या-क्या चीजें बनेंगी. वैज्ञानिक इसकी फिराक में लग गए हैं. एक रिपोर्ट कहती है कि भविष्य में मशरूम से प्लास्टिक के कई सामान बनाए जाएंगे. यहां तक कि जहाजों का ढांचा खड़ा करने में भी इसका इस्तेमाल होगा. आप यह बात सुनकर चौंक रहे होंगे. लेकिन प्लास्टिक जो न कराए. प्लास्टिक ने दुनिया में इतनी अति मचाई है कि बरसों से उसका विकल्प ढूंढा जा रहा है. रिपोर्ट कहती है कि मशरूम में ही प्लास्टिक का वह विकल्प मिलने जा रहा है. बस इंतजार है सही समय का.

theverge.com की एक रिपोर्ट में लिखा गया है, आने वाले समय में मशरूम से आपके हेडफोन, जूते के फोम और यहां तक कि जहाज का ढांचा बनाया जा सकेगा. साइंटिस्ट और रिसर्चर्स इस संभावना के पहले पायदान पर पहुंच चुके हैं. उन्हें शुरुआती रिसर्च में इस बात की जानकारी मिल गई है कि मशरूम से प्लास्टिक को रिप्लेस किया जा सकता है. अगर यह जुगत कामयाब होती है, तो धरती के लिए जहर कहे जाने वाले प्लास्टिक को हम अलविदा कह देंगे.

आप सोच रहे होंगे कि कहां मशरूम और कहां प्लास्टिक. कहां मशरूम इतना मुलायम और प्लास्टिक इतना लचीला. जो चीज मुलायम होगी उसके टूटने-फूटने की आशंका उतनी ही अधिक होगी. फिर उससे प्लास्टिक जैसी चीज कैसे बनाई जाएगी? 

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आपका सवाल बिल्कुल वाजिब है, पर वैज्ञानिकों ने इन सभी तर्कों और कुतर्कों पर माथापच्ची करने के बाद अपनी विस्तृत स्टडी 'साइंस एडवांस' जैसी नामी पत्रिका में छापी है. वैज्ञानिकों रिसर्च में बताया है कि मशरूम कई तरह के मटीरियल बनाते हैं जिनके गुण अलग-अलग होते हैं. मशरूम अगर मुलायम और स्पॉन्ज के जैसे छ्त्ते बना सकते हैं तो वे लड़की की तरह कोई सख्त चीज बनाने में भी सक्षम हैं.

इस लिहाज से वैज्ञानिक रिसर्च में लगे हैं कि मशरूम के आर्कीटेक्चर को समझा जाए, उसमें कुछ बदलाव कर टिकाऊ चीजें बनाने के लिए तैयार किया जाए. इसके पीछे तर्क ये है कि मशरूम फोम जैसी चीजें बनाते हैं. आप मशरूम की कई क्वालिटी देखेंगे और पाएंगे कि उनका छत्ता फोम की तरह होता है. हालांकि इसमें कोई सख्ती नहीं होती. लेकिन उस दिशा में काम किए जाएं, मशरूम में बदलाव लाए जाएं तो प्लास्टिक को रिप्लेस करना बहुत बड़ी बात नहीं होगी.

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आपने F. fomentarius मशरूम देखा होगा या इसके बारे में सुना होगा. आप इस मशरूम को देखें तो यह किसी पेड़ के तने से निकलते हुए घोड़े के खुर की तरह लग सकता है. अतीत में जाएं तो इस मशरूम का इस्तेमाल लोग आग जलाने के लिए टिंडर के रूप में करते रहे हैं. तभी इस मशरूम का नाम हूफ फंगस (खुर कवक) और टिंडर फंगस दिया गया है. इस फंगस की खासियत है कि इसमें तीन लेयर होती है. इन तीनों लेयर की अपनी-अपनी विशेषताएं होती हैं. 

F. fomentarius मशरूम का बाहरी आवरण सख्त होता है जिसका इस्तेमाल विंडशील्ड की कोटिंग के रूप में हो सकता है. दूसरी लेयर मुलायम होती है जिसका इस्तेमाल चमड़ा बनाने में हो सकता है. तीसरी लेयर लकड़ी की तरह होती है जिसका प्रयोग लड़की से मिलते-जुलते सामान बनाने में हो सकता है. इसी आधार पर कहा जा रहा है कि मशरूम को आगे चलकर प्लास्टिक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

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