सांबा मसूरी धान की जीनोम एडिटिंग से बनी चावल की ये खास किस्म, 20 दिन पहले होगी तैयार

सांबा मसूरी धान की जीनोम एडिटिंग से बनी चावल की ये खास किस्म, 20 दिन पहले होगी तैयार

Paddy Variety: धान की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. दरअसल, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने धान की नई और उन्नत किस्म को विकसित की है. इस किस्म की खेती करने पर किसानों को बंपर उपज मिलेगा. साथ ही ये किस्म कम समय में तैयार हो जाती है.

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सांबा मसूरी धान की जीनोम एडिटिंग से बनी चावल की ये खास किस्म, 20 दिन पहले होगी तैयारधान की किस्म: Paddy Variety

खेती में लगातार हो रहे बदलाव और मौसम की मार को देखते हुए इस क्षेत्र में कई काम हो रहे हैं. अब कृषि वैज्ञानिक भी ऐसी किस्में को तैयार कर रहे हैं, जो कम पानी, गर्मी या अन्य चुनौतियों में भी अच्छा उत्पादन दे सकें. इसी दिशा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने धान की नई और उन्नत किस्म को विकसित किया है. इस किस्म का नाम DRR धान-100 (कमला) है. ये किस्में न सिर्फ उच्च उपज देने वाले बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को झेलने में भी सक्षम हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इसकी खासियत क्या-क्या है.

कैसे तैयार की गई है ये धान की किस्म?

  • आईसीएआर ने DRR धान-100 (कमला) किस्म को विकसित करके एक सफलता हासिल की है.
  • इस किस्न को लोकप्रिय सांबा महसूरी में SDN1 जीनोम का उपयोग करके विकसित किया गया है.
  • यह उच्च उपज वाली किस्म चावल की खेती के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव है.
  • इसे वैज्ञानिक डॉ. सत्येंद्र के. मंगरौठिया, डॉ. आर.एम. सुंदरम और टीम, आईसीएआर-भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान हैदराबाद में विकसित किया गया है.

DRR धान-100 (कमला) मुख्य विशेषताएं क्या हैं?

  • DRR धान-100 (कमला) किस्म उत्पादन के मामले में बेस्ट है.
  • इस किस्म की खेती करने पर अनाज की उपज में 19 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है.
  • इस किस्म की खासियत ये हैं कि ये अन्य किस्मों से 15-20 दिन पहले परिपक्व यानी तैयार हो जाती है.
  • DRR धान-100 (कमला) किस्म मध्यम सूखा सहनशीलता वाली क्षेत्र के लिए उपयुक्त है.
  • इस किस्म की खेती करने पर अनाज की अच्छी क्वालिटी मिल सकती है.
  • इस किस्म के आने से किसानों को कम समय में बेहतर उत्पादन मिलेगा.

किसान किस तरह कर सकते हैं धान की खेती?

  • धान की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत को तैयार करना होता है.
  • इसके लिए किसान खेत को अच्छी तरह से जोतकर समतल करें.
  • अगर धान की सीधी बुवाई कर रहे हैं तो खेत में हल्की नमी बनाए रखें.
  • साथ ही अगर परंपरागत तरीके से रोपाई कर रहे हैं तो खेत में पानी जमा कर दें.
  • वहीं, सीधी बुवाई के लिए बीज को खेत में सीधे बुवाई करें, जैसे कि गेहूं की बुवाई करते हैं.
  • इसके साथ ही रोपाई के लिए नर्सरी में उगाए गए धान के पौधों की खेत में रोपाई करें.

निष्कर्ष-

आजकल कृषि क्षेत्र में जीनोम एडिटिंग की चर्चा सबसे अधिक है. यह नई तकनीक है जिसका इस्तेमाल नई फसलें तैयार करने में किया जा रहा है. इसी का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने सांबा मसूरी की जीनोम एडिटिंग कर कमला नाम की धान की नई किस्म तैयार की है. यह किस्म कई मायनों में महत्वपूर्ण है जो कम दिनों में तैयार होगी. अधिक उपज देगी और जलवायु परिवर्तन को लेकर प्रतिरोधी है.

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