"आमों में बस दो खूबियां होनी चाहिए, एक मीठे हों और बहुत सारे हों..." फलों के राजा के बारे में महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब का यही कहना था. इसलिए आज भी आम के शौकीनों की कोई कमी नहीं है. ऐसे में अभी आम का सीजन चल रहा है और इस मौसम में बाजारों में रंग-बिरंगे और मीठे आम देखने को मिल रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश की सबसे बड़ी और लोकप्रिय मैंगो बेल्ट उत्तर प्रदेश है जहां एक से एक आम की किस्में पाई जाती हैं. इन किस्मों ने सदियों से दुनिया को अपने साथ खुशबू और एक रसभरे मिठास के रिश्ते में बांध दिया है. तो आइए जानते हैं उन 6 खास किस्मों के बारे में.
फलों के राजा आम की दशहरी किस्म का स्वाद तो आपने जरूर चखा होगा. लखनऊ का मशहूर दशहरी आम अपने स्वाद के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. ये आम लखनऊ के मलिहाबाद इलाके में पाया जाता है, जहां बड़े पैमाने पर आम की खेती की जाती है. लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र में दशहरी आम 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में लगाया जाता है. वहीं, यहां से हर साल 20 लाख टन से ज़्यादा आम का उत्पादन होता है, जिसे देश ही नहीं विदेशों में भी भेजा जाता है.
यदि किसी व्यक्ति के पैर में विकृति हो और उसे सीधा चलने में कठिनाई हो तो वह लंगड़ा कहलाता है, लेकिन लंगड़े आम में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है. बल्कि यही उसकी विशेषता है. इसका फल पकने के बाद भी हरा रहता है और गूदा हल्के पीले रंग का और बहुत रसदार और स्वाद में मीठा होता है. इसकी गुठली पतली और चौड़ी होती है. इसकी कीमत की बात करें तो यह 80 से 100 रुपये किलो मिलता है.
चौसा आम का स्वाद अनोखा होता है. यह जुलाई के महीने में दशहरी आम के बाद बाजार में आता है. इस आम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह विशेष मिठास वाला होता है. कहा जाता है कि 1539 में बिहार के चौसा में हुमायूं से युद्ध जीतने के बाद शेरशाह सूरी ने इस आम का नाम चौसा रखा था, लेकिन कहा जाता है कि यह आम यूपी के हरदोई से संबंधित है. इसकी उत्पत्ति हरदोई में हुई, उसके बाद यह बिहार पहुंचा. वहीं, ये आम जुलाई के अंत तक बाजार में आता है. इसका सुनहरा पीला रंग, रेशारहित गूदा और अनोखा मिठास इसे विशेष बनाता है.
लखनऊ के हुस्नआरा आम ने भी लोकप्रियता की नई ऊंचाइयां हासिल की हैं. यह आम अपनी खूबसूरती के साथ-साथ अपने स्वाद के लिए भी बहुत लोकप्रिय है. इस आम का छिलका सेब के छिलके जैसा होता है, जब यह आम कच्चा होता है तो हरा होता है और पकने पर आधा पीला, सुनहरा और लाल रंग का हो जाता है. इस आम को दुनिया का सबसे खूबसूरत आम कहा जाता है.
लखनऊ का सफेदा आम अपने मीठे और थोड़े खट्टे स्वाद के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि इसको पसंद करने वालों की एक अलग ही तादाद है. इस असाधारण प्रकार के आम में फाइबर की मात्रा कम होती है और फल के पूरी तरह पकने पर इसका हरा छिलका चमकीला पीला हो जाता है. लखनऊवा सफेदा आम का हलकी सफेदी लिए होता है. इसीलिए इसका नाम सफेदा पड़ गया है.
आम की एक छोटे आकार की किस्म, रतोल या रतौल बेस्ट किस्म है. यूपी के बागपत जिले के रतौल गांव के नाम पर इसका नाम पड़ा है. यह अपनी खुशबू और स्वाद के लिए जाना जाता है, जबकि यह आम देश के अन्य हिस्सों में व्यापक रूप से नहीं जाना जाता है. यह आम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के निवासियों के बीच बहुत पसंद किया जाता है.
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