महाराष्ट्र के जालना जिले में शुक्रवार को 34.97 करोड़ (लगभग 35 करोड़) रुपये के कथित घोटाले के सिलसिले में दस तलाठी (ग्राम स्तर के राजस्व अधिकारी/पटवारी) को निलंबित कर दिया गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह घोटाला 2022 और 2024 के बीच अंबड़ और घनसावंगी तहसीलों में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे से जुड़ा है. जिला कलेक्टर कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, शुरुआती जांच के दौरान घोटाले में शामिल पाए जाने के बाद दस तलाठी को निलंबित कर दिया गया है, जबकि कई अन्य तलाठी से जवाब मांगा गया है.
इससे पहले, एक जांच समिति ने 74 अधिकारियों को दोषी ठहराया था, जिनमें 26 तलाठी, 31 ग्राम सेवक और 17 कृषि सहायक शामिल थे. समिति में अंबड़ उप-विभागीय अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर (पुनर्वास) और एक नायब तहसीलदार शामिल थे. अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चला कि फर्जी लाभार्थी बनाए गए और क्रेडेंशियल का दुरुपयोग किया गया, दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई और एक ही व्यक्ति को कई बार भुगतान किए गए. जांच में 54 अधिकारी शामिल थे और इस उद्देश्य के लिए तैनात छह समर्पित टीमें लगाई गई थीं.
जिला कलेक्टर डॉ. श्रीकृष्ण पांचाल के अनुसार, कई दोषी अधिकारियों से 5.76 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं. समिति ने 1.19 लाख लाभार्थियों का सत्यापन किया है. जिले की शेष छह तहसीलों में जांच जारी है और एक महीने के भीतर पूरी होने की उम्मीद है. आरोप है कि नौ तलाठी ने कथित तौर पर लगभग 1 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है. आरोपियों ने फर्जी प्रविष्टियां बनाने और फर्जी दावों को संसाधित करने के लिए तहसीलदारों के लॉगिन क्रेडेंशियल का दुरुपयोग किया. यह घोटाला किसानों और मुखबिरों की कई शिकायतों के बाद सामने आया.
मालूम हो इससे पहले राज्य में किसानों के लिए चलाई जा रही 1 रुपये वाली फसल बीमा योजना भी घोटाले की भेंट चढ़ गई. राज्य सरकार ने इस योजना की शुरुआत साल 2023 में की थी, लेकिन 2 साल में ही यह बंद हो गई. राज्य के कृषि मंत्री ने बताया था कि धार्मिक स्थलों की खाली जमीनों को कृषि भूमि के रूप में दिखाकर फसल बीमा योजना का पैसा हड़पने की कोशिश की गई थी. लेकिन, राशि जारी होने से पहले ही इसका भंडाफोड़ हो गया था. इसके बाद राज्य सरकार ने ऐसे फर्जी 4 लाख से ज्यादा फसल बीमा के आवेदनों को खारिज कर दिया था. हालांकि राज्य सरकार ने इस योजना को ही बंद कर दिया.
(पीटीआई)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today