पेप्सिको इंडिया के पोटैटो चिप्स ब्रांड्स लेज ने भारतीय किसानों को सम्मानित करने वाली अपनी पहल ‘मिट्टी की चिट्ठी’ को आगे बढ़ाया है. इस पहल के अन्तर्गत बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्य में ‘मिट्टी जांच केंद्र’ यानी सॉइल हेल्थ टेस्टिंग लैब्स की स्थापना की गई है. इसे किसानों को पुनर्योजी कृषि (Regenerative Agriculture) के प्रयासों में सहयोग देने के लिए शुरू किया गया है, जिसकी शुरुआत मिट्टी से होती है. लेज ने इन तीन राज्यों में ये विशेष मिट्टी परीक्षण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां किसान मिट्टी के स्वास्थ्य से जुड़ी सटीक और समय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. मिट्टी की पोषक संरचना, पीएच स्तर और आवश्यक इनपुट्स को बेहतर ढंग से समझने में मदद करके, ये केंद्र किसानों को फसल की क्वालिटी और उपज सुधारने के लिए ठोस और सूझबूझ भरे निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं.
मिट्टी से मुस्कान तक की इस यात्रा को आगे बढ़ाते हुए अब लेज ने पहली बार लिमिटेड एडिशन पैक पेश किया है. इस पैक में भारतीय किसानों को दर्शाया गया है. लेज ने अपने प्रतिष्ठित पैक को एक कहानी कहने वाले कैनवास में बदल दिया है, जिससे आलू उगाने वाले किसानों और उन्हें खाने वाले उपभोक्ताओं के बीच जुड़ाव और गहरा हो गया है. इन पैक्स की खासियत हैं पुरुष और महिला किसानों के हाथ से बने चित्र, जिनके चारों ओर खेती और फसल कटाई के जीवंत तस्वीर दर्शाए गए हैं, जो मिट्टी से स्नैक तक की यात्रा को जीवंत कर देते हैं.
ये लिमिटेड-एडिशन पैक उपभोक्ताओं तक “मिट्टी की चिट्ठी” लेकर आते हैं. मिट्टी की चिट्ठी लेज़ की वह भावनात्मक फिल्म जिसने किसान और जमीन के बीच के गहरे रिश्ते को पहली बार जीवंत किया था. पैक पर एक क्यूआर कोड दिया गया है, जिसके ज़रिए उपभोक्ता सीधे उस फिल्म तक पहुंच सकते हैं.
सौम्या राठौर, मार्केटिंग डायरेक्टर, लेज, पेप्सिको इंडिया ने बताया कि हर लेज चिप्स की एक कहानी होती है और वह कहानी उसके क्रंच से बहुत पहले शुरू होती है. लेज खुशी और मुस्कान का प्रतीक है और हमारा मानना है कि हमारे लिए असली खुशी उन किसानों से शुरू होती है, जो बेहतरीन मिट्टी में उच्च क्वालिटी वाले आलू उगाते हैं. अपने “मिट्टी की चिट्ठी” पैक्स के जरिए हम इन मिट्टी के नायकों की कहानी लेज पैक्स पर उनके चेहरे के साथ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचा रहे हैं. हर क्लासिक साल्टेड पैक को बारीक, रंगीन और आकर्षक कलाकृतियों से सजाया गया है, जो किसानों, उनकी जमीन और हमारे पसंदीदा चिप्स के बीच के बंधन का उत्सव है.
आज पेप्सिको इंडिया अपने ब्रांड लेज के माध्यम से 14 राज्यों में 27,000 से अधिक किसानों के साथ मिलकर काम कर रहा है. 'कोलैबोरेटिव फार्मिंग' योजना के तहत कंपनी किसानों को उच्च क्वालिटी वाले बीज, तकनीकी मार्गदर्शन, आधुनिक उपकरण और फसल की गारंटी ख़रीद जैसी सुविधाएं प्रदान करती है. पेप्सिको पुनर्योजी खेती, जल संरक्षण और महिला किसानों के सशक्तिकरण जैसे प्रयासों के जरिए किसानों को सतत और जलवायु-अनुकूल खेती अपनाने में मदद कर रहा है, जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ रही है. लेज में इस्तेमाल होने वाले 100 फीसदी आलू भारतीय किसानों से लिए जाते हैं, जिससे यह ब्रांड देश में चिप-ग्रेड आलू का एक प्रमुख खरीदार बन चुका है.
किसानों से जुड़ी कंपनी की कुछ प्रमुख पहलों में ‘फार्म इक्वल’ शामिल है, जिसके अंतर्गत 2,500 से अधिक महिला किसानों को प्रशिक्षण, उनके लिए विशेष उपकरणों का विकास और भारत की पहली महिला किसान डाक टिकट जारी कर उन्हें सम्मानित किया गया. ‘लेज स्मार्ट फार्म’, एक एआई-आधारित तकनीक है जो किसानों को रीयल-टाइम में सलाह, पैदावार के अनुमान और बीमारियों की प्रारंभिक चेतावनी देती है, जिससे अब तक 15,000 एकड़ भूमि और 7,000 से अधिक किसान लाभान्वित हो चुके हैं. साथ ही ‘लेज बायोचार प्रोजेक्ट’ पराली जलाने की समस्या को कम करते हुए ग्रीन हाउस गैसों को घटाने और मिट्टी की क्वालिटी सुधारने की दिशा में एक पुरस्कार विजेता पहल है.
सीमित समय के लिए, चुनिंदा बाजारों में उपलब्ध यह लिमिटेड-एडिशन क्लासिक साल्टेड पैक अब देशभर के रिटेल स्टोर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे. इसकी कीमत 50 रुपये है.
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