
दिल्ली में अक्टूबर में 27 दिन ज्यादा रहा वायु प्रदूषण (फाइल फोटो)अक्टूबर खत्म हुआ ही था कि नवंबर की शुरुआत में ही दिल्ली की हवा फिर जहरीली होने लगी है. सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में दिल्ली में 27 दिन हवा “खराब” या “बहुत खराब” श्रेणी में रही. केवल 4 दिन ही हवा “संतोषजनक” रही, जबकि एक भी दिन “अच्छी” श्रेणी (AQI 50 से कम) में नहीं था. सबसे खराब वायु गुणवत्ता 30 अक्टूबर को दर्ज की गई जब AQI 373 तक पहुंच गया, जो पिछले तीन साल में अक्टूबर महीने का सबसे ऊंचा स्तर था. दिवाली की रात 20 अक्टूबर को AQI 345 दर्ज हुआ, जो पिछले साल (328) से भी ज्यादा था.
विशेषज्ञों के मुताबिक, 2015 से 2025 के बीच अक्टूबर में दिल्ली का औसत AQI 173 से लेकर 285 के बीच रहा है. कोविड लॉकडाउन के दौरान 2021 में थोड़ी गिरावट जरूर आई थी, लेकिन उसके बाद फिर से हवा की गुणवत्ता खराब ही बनी रही.
इस बार अक्टूबर में पराली जलाने का असर बहुत कम रहा. पिछले 5 सालों में सबसे कम पराली जलाई गई. 30 अक्टूबर को दिल्ली में PM 2.5 में पराली का योगदान केवल 0.5% और 31 अक्टूबर को 1.6% रहा.

हालांकि, नवंबर की शुरुआत में ही पराली जलाने के मामलों में तेजी आ गई है. पंजाब में 2 नवंबर को ही 442 खेतों में आग लगाई गई, जो इस सीजन में एक दिन में सामने आया सबसे बड़ा आंकड़ा है. दिल्ली में 1 नवंबर को पराली का योगदान पीएम 2.5 में 9% तक पहुंच गया. वहीं 2 नवंबर को यह 3.45% रहा. झज्जर क्षेत्र से 11% योगदान आया जबकि वाहनों से प्रदूषण का योगदान करीब 18% रहा.

आईआईटीएम पुणे के पूर्वानुमान के मुताबिक, 8 नवंबर को दिल्ली का औसत AQI 378 तक पहुंच सकता है यानी “बहुत खराब” से “गंभीर” श्रेणी में जा सकता है. पीएम 10 का स्तर भी 327 तक पहुंच सकता है. CREA के विश्लेषक मनोज कुमार ने कहा, “अभी तो हवा पहले से ही खराब है. पराली जलाने से यह और बिगड़ेगी. अगले दो हफ्ते दिल्ली के लिए सबसे ज्यादा प्रदूषित रहने वाले हैं. खासकर नवंबर के पहले और दूसरे हफ्ते में हवा ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ स्तर तक जा सकती है.” (मिलन शर्मा की रिपोर्ट)
Source: Indian Institute of Tropical Meteorology, Ministry of earth sciences, GOI
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