Agri Quiz: किस मसाला फसल की वैरायटी है कुंभराज, इसकी अन्य उन्नत किस्मों के बारे में भी जानें

Agri Quiz: किस मसाला फसल की वैरायटी है कुंभराज, इसकी अन्य उन्नत किस्मों के बारे में भी जानें

भारत में अलग-अलग मसाला फसलें अपनी खास पहचान के लिए जानी जाती हैं. ऐसी ही एक फसल है जिसकी वैरायटी का नाम कुंभराज है. इस वैरायटी की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आइए जानते हैं इसकी 3 उन्नत किस्में कौन सी हैं?

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Agri Quiz: किस मसाला फसल की वैरायटी है कुंभराज, इसकी अन्य उन्नत किस्मों के बारे में भी जानेंकिस मसाला फसल की वैरायटी है कुंभराज

भारत खेती-किसानी और विविधताओं से भरा देश है. भारत में अलग-अलग मसाला फसलें अपनी अलग-अलग पहचान के लिए जानी जाती हैं. कई मसाले अपने औषधीय गुणों के लिए तो कई अपने स्वाद और क्वालिटी के लिए जानी जाती हैं. ऐसी है एक मसाला फसल है जिसकी वैरायटी का नाम कुंभराज है. दरअसल, ये धनिया की एक खास किस्म है. भारतीय रसोई में पाया जाने वाला धनिया काफी लोकप्रिय मसाला है. औषधीय गुणों से भरपूर धनिया खाने का स्वाद भी बढ़ाता है और कई बीमारियों से बचाता भी है. ऐसे में आइए जानते हैं इसकी 3 उन्नत वैरायटी कौन सी है और कैसे करें इसकी खेती.

धनिया की 3 उन्नत किस्में

कुंभराज: इस किस्म के दाने छोटे आकार के होते हैं. पौधों की ऊंचाई मध्यम होती है. इस किस्म के पौधे उकठा और भूतिया रोग के प्रति सहनशील होते हैं. वहीं, फसल को पककर तैयार होने में 60 से 70 दिनों का समय लगता है. इस किस्म से प्रति एकड़ 5 से 6 क्विंटल तक पैदावार मिलती है.

GDLC-1: देश और विदेशी बाजारों में भारत के धनिये की काफी मांग रहती है. इसलिए आप अच्छी क्वालिटी और उन्नत किस्म के बीजों का प्रयोग कर सकते हैं. वहीं, GDLC-1  किस्म की खासियत ये है कि इस किस्म की पत्तियां बड़ी हल्के हरे रंग की और सुगंध वाली होती हैं. ये किस्म खेती में बेहतर पैदावार देती है. वहीं, यह 20 से 30 दिनों में तैयार हो जाती है.

आर सी आर 41: इस किस्म के दाने छोटे होते हैं. ये किस्म उकठा और स्टेम गाल रोग से प्रतिरोधी है. ये किस्म खेती में बेहतर पैदावार देती है. वहीं, इस किस्म को तैयार होने में 40 से 50 दिन का समय लगता है.

इस विधि से लगाएं धनिया

किचन गार्डन में धनिया उगाने के लिए सबसे पहले आप एक बड़े साइज का गमला लेकर उसमें एक हिस्सा मिट्टी डालें. फिर उसमें बालू और एक हिस्सा वर्मी कंपोस्ट डालकर हरे धनिया के बीज को मसल कर दो टुकड़े कर लें. उसके बाद गमले में भरी हुई मिट्टी के ऊपर धनिया के बीज बिखेर कर ऊपर से हल्की सी मिट्टी की परत डालकर सिंचाई कर दें. आपका धनिया 15 से 20 दिन में उग आएगा और यह 25 से 30 दिन में कटिंग के लिए तैयार हो जाएगा.

इस तरह तैयार करें खेत

वहीं, अगर धनिया की खेती करनी हो तो उसकी बुवाई करने के लिए अच्छे तरीके से खेत तैयार करना चाहिए. किसानों को कल्टीवेटर से एक बार और रोटावेटर से दो बार खेत की जुताई करनी चाहिए. धनिया की बुवाई करने के लिए खेत में ढेला नहीं होना चाहिए. यह एक ऐसी फसल होती है, जो 35-40 दिनों में पूरी तरह तैयार हो जाती है. 40 दिन के बाद किसान इसे उखाड़ कर बेच सकते हैं.

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