केरल के किसानों का कर्ज माफ होगा? बारिश-बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए बैंकों पर सरकार सख्त 

केरल के किसानों का कर्ज माफ होगा? बारिश-बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए बैंकों पर सरकार सख्त 

बारिश और बाढ़ के चलते केरल राज्य में कई हजार हेक्टेयर में खड़ी धान समेत अन्य खरीफ फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. वायनाड त्रासदी से प्रभावित किसानों और ग्रामीणों के बकाया कर्ज को माफ करने के लिए सरकार ने बैंकों से अपील की है.

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केरल के किसानों का कर्ज माफ होगा? बारिश-बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए बैंकों पर सरकार सख्त बारिश और बाढ़ से किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है.

इस सीजन मॉनसूनी बारिश में केरल में तय समय से 2 दिन पहले पहुंची और अब तक राज्य में जमकर बारिश हुई है. वायनाड हादसे ने तो देश को झकझोर दिया. जबकि, बारिश और बाढ़ के चलते केरल राज्य में कई हजार हेक्टेयर में खड़ी धान समेत अन्य खरीफ फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. प्रभावित किसानों को राज्य सरकार मुआवजे के रूप में राहत दे रही है. वहीं, अब किसानों के बकाया कर्ज को माफ करने के लिए सरकार ने बैंकों से अपील की है. 

केरल सरकार ने वायनाड में भूस्खलन पीड़ितों और बचे लोगों के खातों से कर्ज की मासिक किस्तें काटने पर सोमवार को कड़ी नाराजगी जताई और मांग की कि इन कर्ज को पूरी तरह माफ कर दिया जाए. पीटीआई के अनुसार मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार को तिरुवनंतपुरम में बैकों के कार्यक्रम में कहा कि कर्ज माफ करने से बैंकों पर कोई असहनीय बोझ नहीं पड़ेगा, इसलिए इसे पूरी तरह माफ कर दिया जाना चाहिए.

पीड़ित किसानों-ग्रामीणों का बकाया कर्ज माफ करें बैंक

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ब्याज राशि में छूट या मासिक किस्तें जमा करने के लिए समय बढ़ाने से भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में कोई समाधान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कर्ज लिया था, उनमें से कई की मृत्यु हो चुकी है और आपदा के कारण उनकी जमीन अनुपयोगी हो गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम केवल इतना कर सकते हैं कि इन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की बकाया कर्ज राशि को माफ कर दें. 

प्रभावित क्षेत्र में खेती या बसावट करना मुश्किल 

मुख्यमंत्री ने बैंकों की ओर से पीड़ितों के खातों से मासिक किस्तें काटने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति से इस मामले में सही निर्णय लेने को कहा. वायनाड में 30 जुलाई की त्रासदी की भयावहता और प्रभाव को याद करते हुए सीएम ने कहा कि वायनाड में भूस्खलन के शिकार या जीवित बचे लोगों की एक बड़ी संख्या खेती-बाड़ी में लगी हुई थी. लेकिन, इस आपदा ने वहां की कृषि भूमि के भूगोल को बदल दिया है. उन्होंने कहा कि प्रभावित खेत और भूमि अनुपयोगी हो गई हैं और इन क्षेत्रों में खेती या बसावट संभव नहीं है. 

लोन लेकर जिस घर को बनाया वो घर ही बह गया 

सीएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावित वायनाड क्षेत्र के अधिकांश किसानों ने कर्ज लिया है, जिन लोगों ने घर बनाने के लिए कर्ज लिया था वे अपना घर ही खो चुके हैं. उन्होंने कहा कि वे अब किस्तें चुकाने की स्थिति में नहीं हैं. सीएम ने यह भी बताया कि कर्ज माफ करने के बाद बैंक आमतौर पर सरकार से माफ की गई राशि का भुगतान करने की अपेक्षा करते हैं. उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि बैंकों को इस मुद्दे पर वसूली का रुख नहीं अपनाना चाहिए. उन्होंने बैंकों से इस राशि को स्वयं वहन करने का आग्रह किया. 

केरल ग्रामीण बैंक के सामने किसानों-ग्रामीणों का प्रदर्शन 

मुख्यमंत्री की यह तीखी प्रतिक्रिया केरल ग्रामीण बैंक के खिलाफ किसानों और ग्रामीणों के विरोध के बीच आई है. बीते दिनों वायनाड में भूस्खलन से बचे कुछ लोगों के खातों से केरल ग्रामीण बैंक ने कर्ज की मासिक किस्तें काट ली हैं. जबकि, बताया गया कि मासिक किस्त की राशि सरकार की ओर से दी गई तत्काल राहत राशि में से काट ली गई थी. नाराज किसानों और ग्रामीणों ने सोमवार को राज्य के कलपेट्टा में ग्रामीण बैंक की शाखा के सामने विरोध प्रदर्शन किया.

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