महिला किसान ने सरकारी गाड़ी पर फेंकी ईंटझांसी के मऊरानीपुर तहसील परिसर में कुछ ऐसा हुआ, जिससे सभी लोग हैरान रह गए. एक महिला किसान भारती देवी जमीन के विवाद से बहुत परेशान थीं. वह बार-बार तहसील आती रही थीं, लेकिन अब तक किसी ने उनकी समस्या का समाधान नहीं किया. इसी वजह से उनका गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने उपजिलाधिकारी की सरकारी गाड़ी पर ईंट फेंक दी.
भारती देवी अपने पति ब्रजभूषण के साथ झांसी के मऊरानीपुर तहसील आती रही हैं. उनका कहना है कि उन्होंने पिछले कई महीनों में लगभग बीस बार तहसील के चक्कर लगाए, लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन मिला. वह उम्मीद करती थीं कि इस बार कोई फैसला होगा.
सोमवार को भारती देवी उपजिलाधिकारी से मिलने गईं. उन्होंने कहा कि उनकी फाइल पर आदेश होने चाहिए. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसी समय उपजिलाधिकारी की गाड़ी बाहर निकल रही थी. भारती देवी गाड़ी के सामने खड़ी होकर अपनी फरियाद करने लगीं. गाड़ी चालक ने जैसे ही वाहन आगे बढ़ाया, भारती देवी गुस्से में पास की ईंट उठाकर गाड़ी पर फेंक दी. गाड़ी का शीशा टूट गया.
ईंट गिरने के बाद तहसील परिसर में हंगामा मच गया. सभी लोग डर गए और अफरा-तफरी मच गई. सूचना मिलते ही क्षेत्राधिकारी जितेंद्र सिंह और पुलिस मौके पर पहुंच गए. उन्होंने स्थिति को संभाला और भारती देवी और उनके पति को थाने ले गए.
महिला किसान भारती देवी ने बताया कि उन्होंने पहले भी झांसी के कमिश्नर से शिकायत की थी. कमिश्नर ने उनके जमीन विवाद को निपटाने के निर्देश दिए, लेकिन तहसील स्तर पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. भारती देवी और उनके पति लगातार अपनी पीड़ा अधिकारियों के सामने रखते रहे.
प्रशासन ने कहा कि महिला की शिकायत चकबंदी की प्रक्रिया में सक्षम अधिकारी के पास भेज दी गई है. अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही उनका मामला सुलझ जाएगा.
हालांकि, सरकारी गाड़ी को नुकसान पहुंचाने के कारण एसडीएम के चालक कमलेश ने मऊरानीपुर थाने में भारती देवी और उनके पति के खिलाफ लिखित शिकायत दी. इसके बाद पुलिस ने दंपति पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी.
इस घटना से यह साफ हुआ कि जमीन के विवाद से लोग मानसिक रूप से कितना परेशान हो सकते हैं. कई बार बार-बार सरकारी चक्कर लगाने के बावजूद भी किसानों की सुनवाई नहीं होती. इसी वजह से उनका गुस्सा फूट सकता है.
झांसी के मऊरानीपुर में हुई यह घटना दिखाती है कि जमीन विवाद केवल कागजों का मामला नहीं होता, बल्कि लोगों की जिंदगी और मनोबल पर बड़ा असर डालता है. प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों का जल्दी और सही समाधान करे, ताकि लोग परेशान न हों और कानून का सम्मान बनाए रखा जा सके. (अजय झा का इनपुट)
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