

उत्तर प्रदेश में रूफटॉप गार्डर्निंग के शौकीनों के लिए राज्य सरकार एक गुड न्यूज लेकर आई है.राज्य में अब इस तरह की बागवानी को बढ़ावा देने के मकसद से विभाग की मदद से मार्गदर्शन मुहैया कराया जाएगा. साथ ही इसके शौकीनों के लिए सरकार की तरफ से फ्री बीज तक मुहैया कराए जाएंगे. सरकार का मानना है कि इस तरह की बागवानी ऑर्गेनिक खेती में मददगार हो सकती है. यह बात प्रदेश के उद्यान, कृषि राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने सोमवार को उस समय कही जब वह अलीगंज स्थित राजकीय कोल्ड स्टोरेज परिसर में एक कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे. दिनेश प्रताप सिंह ने यहां पर डीपी बोरा बाटिका के साथ ही राजकीय उद्यान के सौन्दर्यीकरण और इन्हें फिर से शुरू करने वाली सुविधाओं का शिलान्यास किया. इसके साथ ही उन्होंने एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) के तहत आयोजित दो दिवसीय कृषक संगोष्ठी–2025 का उद्घाटन भी किया.
कार्यक्रम में लखनऊ उत्तर से विधायक डॉ. नीरज बोरा चीफ गेस्ट के तौर पर मौजूद थे. उद्यान मंत्री ने कहा कि राजकीय उद्यान का जीर्णोद्धार और डीपी बोरा बाटिका की स्थापना क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने दिवंगत डी.पी. बोरा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जनसेवा से जुड़ा जीवन समाज के लिए प्रेरणास्रोत है.दिनेश प्रताप सिंह ने उद्यान विभाग के अधिकारियों को अटके कामों को तय समयसीमा में पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि उद्यान की बाउंड्री वॉल निर्माण के लिए जल्द ही राशि को मंजूरी दी जाएगी जिससे आम इंसान को बेहतर सुविधाएं मिल सकें.
मंत्री ने शहरी बागवानी और रूफटॉप गार्डनिंग को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि सीमित स्थान में भी सब्जियों और पौधों की खेती संभव है. बालकनी और छतों पर उगाई गई ऑर्गेनिक सब्जियां स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण बचाने में भी मददगार हैं. उन्होंने बताया कि गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी में शहरी बागवानी के लिए निशुल्क बीज, सीडलिंग और प्लांटिंग सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी.

उद्यान विभाग की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि साल 2022 में पौध उत्पादन क्षमता 75 लाख थी, जो अब बढ़कर 29 करोड़ पौध तक पहुंच गई है. यह उपलब्धि हाईटेक नर्सरियों की स्थापना का परिणाम है. उन्होंने किसानों को संरक्षित खेती अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि पॉलीहाउस में शिमला मिर्च जैसी फसलों से एक एकड़ में लाखों रुपये की आय संभव है. संरक्षित खेती और ड्रिप-स्प्रिंकलर सिंचाई पर 80 से 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी जा रही है.
विधायक डॉ. नीरज बोरा ने कहा कि डी.पी. बोरा बाटिका क्षेत्रवासियों के लिए उपयोगी होगी. उन्होंने बताया कि बाटिका में रबर ट्रैक, स्वास्थ्य संवर्धन उपकरण और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिससे यह जगह स्वास्थ्य और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा. कृषक संगोष्ठी में एमआईडीएच योजना के अंतर्गत शाकभाजी बीज पाने वाले कृषकों, प्रगतिशील किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को सम्मानित किया गया.
आम उत्पादन, प्रबंधन, खरीद और निर्यात से जुड़े तकनीकी सत्रों में वैज्ञानिकों ने किसानों को व्यवहारिक जानकारी दी. इसके बाद मंत्री ने सीतापुर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी का निरीक्षण किया. उन्होंने किसानों और व्यापारियों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और मंडी परिसर में बाउंड्री वॉल, सड़क और अन्य व्यवस्थाओं को मजबूत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए.
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