
महाराष्ट्र में एक बार फिर चीन से आने वाली किशमिश विवाद का मसला बन गई है. राज्य में अंगूर उगाने वालों और किशमिश बनाने वालों ने सरकार से उन व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है जो घरेलू बाजार में चीन से किशमिश का आयात कर रहे हैं. अंगूर के किसानों का कहना है कि पिछले हफ्ते थोक कीमतों में करीब 40 रुपये प्रति किलोग्राम की भारी गिरावट हुई है. उनकी मानें तो इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ चीन से हो रहा आयात है.
महाराष्ट्र के अंगूर उगाने वालों के एसोसिएशन के हवाले से अखबार बिजनेसलाइन ने लिखा है कि चीन में किशमिश का सीजन पिछले महीने शुरू हुआ है.इसके बाद चीनी किशमिश दुबई एक्सपोर्ट की जाती है और फिर अफगानिस्तान के रास्ते भारत भेजी जाती है. एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि यह नी किशमिश कुछ भारतीय खिलाड़ी अफगान किशमिश के तौर पर इंपोर्ट करके बाजार में बेच रहे हैं. उनका दावा है कि इस तरीके से कीमतें बिगड़ रही हैं और खरीदार गुमराह हो रहे हैं.
महाराष्ट्र के बड़े अंगूर और किशमिश हब में से एक सांगली के किसानों ने कहा कि आयात ने उनके लिए स्थिति को और खराब कर दिया है. जिले के के कोल्ड स्टोरेज में पिछले सीजन की कररीब 20,000 टन किशमिश रखी हुई है. इस साल कम प्रोडक्शन के कारण इस स्टॉक को अच्छी कीमतें मिल रही थी लेकिन आयात ने सब बिगाड़ दिया है. व्यापारियों ने आरोप लगाया है पिछले हफ्ते सांगली मार्केट में करीब पांच टन चीनी किशमिश आई जिससे कीमतों में अचानक गिरावट आ गई.
चीनी किशमिश आयात का मसला पहले भी उठा था. इसी साल जुलाई में राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने तो इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार को एक चिट्ठी तक लिखी थी. उन्होंने अपनी इस चिट्ठी में मांग की थी कि किशमिश के दामों को स्थिर रखने और किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए तुरंत 'चीनी किशमिश' के आयात पर रोक लगाई जाए. डिप्टी सीएम की तरफ से यह चिट्ठी केंद्रीय कृषि शिवराज सिंह के नाम पर लिखी गई थी. पवार की इस चिट्ठी में खराब क्वालिटी की किशमिश के गैर-कानूनी आयात का जिक्र किया गया था.
पवार ने भी यही बताया था कि चीन से खराब क्वालिटी की किशमिश का आयात तेजी से बढ़ा है. चीनी किशमिश को टैक्स अदा किए बगैर ही चीन से भारी मात्रा में किशमिश भारत में भारत लाया जा रहा है. उनका कहना था कि इसकी वजह से जहां सरकार को राजस्व में घाटा हो रहा है तो वहीं किसानों को भी आर्थिक नुकसान झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है.
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