भारत ने गुरुवार को ब्रिटेन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए, जिसे आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA) कहा गया है. यह अब तक का भारत का 16वां व्यापार समझौता है क्योंकि देश का लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है. जिन अन्य क्षेत्रों और देशों के साथ भारत ने ऐसे समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें चार देशों का यूरोपीय ब्लॉक EFTA, जापान, कोरिया और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. 2014 से, भारत ने मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया, EFTA और ब्रिटेन के साथ पांच व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. आज के समझौते में कृषि क्षेत्र को लेकर भी बड़े फैसले हुए.
मुक्त व्यापार समझौता दो या दो से अधिक देशों के बीच एक व्यवस्था है जहाँ वे अपने बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क समाप्त करने या कम करने के लिए सहमत होते हैं, साथ ही भागीदार देशों से आयात के एक महत्वपूर्ण मूल्य पर गैर-व्यापार बाधाओं को कम करने और सेवा निर्यात और द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाने पर भी सहमत होते हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हम इस साल तीसरी बार मिल रहे हैं. मैं इसे बहुत महत्वपूर्ण मानता हूं. ब्रिटेन और भारत स्वाभाविक साझेदार हैं. आज हमारे संबंधों में एक ऐतिहासिक दिन है. हमारे दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और दोहरे योगदान समझौते (डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन) पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. यह भारत और ब्रिटेन की भावी पीढ़ियों के लिए एक बहुत ही मजबूत मार्ग प्रशस्त करेगा. यह व्यापार और वाणिज्य में एक नया अध्याय जोड़ रहा है..."
इन समझौतों के अंतर्गत 10 से 30 तक विषय शामिल हैं. दुनिया भर में, वर्तमान में 350 से अधिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) लागू हैं और अधिकांश देशों ने एक या एक से अधिक ऐसे समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. कृषि के क्षेत्र में क्या समझौते हुए हैं, आइए जान लेते हैं.
प्रोसेस्ड फूड: प्रोसेस्ड फूड यानी प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ के क्षेत्र में बड़ा समझौता हुआ है. जिन उत्पादों पर पहले 70 परसेंट तक शुल्क लगता था, अब उन पर 99.7 परसेंट टैरिफ लाइनों पर कोई शुल्क नहीं लगेगा.
इस समझौते से भारत को अतिरिक्त लाभ मिलेंगे. जैसे, भारत को उन क्षेत्रों में भी बेहतर बाजार पहुंच मिलेगी जहां पहले से ही उसकी मजबूत निर्यात क्षमता है, लेकिन पहले कुछ टैरिफ बाधाओं का सामना करना पड़ता था.
समुद्री और पशु उत्पाद: 20 परसेंट तक के टैरिफ को घटाकर शून्य कर दिया गया है. समुद्री भोजन, डेयरी और मांस उत्पादों के निर्यातकों को इससे काफी लाभ होगा.
वनस्पति तेल और प्लांट बेस्ड प्रोडक्ट: जिन वस्तुओं पर पहले 20 परसेंट तक शुल्क लगता था, उन पर टैरिफ समाप्त होने से खाद्य तेलों, तिलहन डेरिवेटिव और अन्य पादप-आधारित वस्तुओं (प्लांट बेस्ड प्रोडक्ट) के निर्यातकों को लाभ होगा. इससे पैकेज्ड खाद्य पदार्थों, चाय, कॉफी और मसालों के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा, जो भारत के कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं.
गोवा से फेनी, नासिक की विश्वप्रसिद्ध शराब और केरल की ताड़ी जैसे भारतीय खास पेयों को अब भौगोलिक संकेत (GI) संरक्षण मिलेगा और ब्रिटेन की उच्चस्तरीय खुदरा और होटल चेन में इन्हें स्थान मिलेगा.
भारत ने श्रीलंका, भूटान, थाइलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस, 10-राष्ट्रों के समूह आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) और चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए (आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड) के साथ व्यापार समझौते किए हैं.
इसके अलावा, भारत वर्तमान में अपने कई व्यापारिक साझेदारों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है. ये बातचीत अमेरिका, ओमान, यूरोपीय संघ (ईयू), पेरू और इज़राइल के साथ चल रही है.
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