मॉनसून के आगमन को देखते हुए किसानों को अपनी खेती के कामों में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में अच्छी वर्षा की संभावना है, इसलिए किसानों को कुछ जरूरी कृषि कार्यों को सावधानी से करने की सलाह दी जाती है. बारिश के मौसम में सबसे जरूरी है कि खेतों में पानी का जमाव न हो. सभी फसलों, सब्जियों और नर्सरी क्षेत्रों में जल निकास की उचित व्यवस्था करें. जहां पानी रुकता हो, वहां नालियां बनाकर पानी बाहर निकालें. इस समय खड़ी फसलों और सब्जियों पर किसी भी प्रकार का छिड़काव न करें, क्योंकि बारिश से दवा बह सकती है और फसल को नुकसान हो सकता है.
जिन किसानों की धान की नर्सरी 20-25 दिन की हो गई है, वे अब रोपाई शुरू कर सकते हैं.
जहां खेतों में पानी जमा रहता है, वहां नील हरित शैवाल का एक पैकेट प्रति एकड़ डालें. इससे मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ेगी. धान के खेतों की मेड़ें मजबूत करें, ताकि वर्षा का अधिक से अधिक पानी खेत में संचित किया जा सके.
अगर धान की नर्सरी में पौधों का रंग पीला हो रहा है और ऊपर की पत्तियां पीली जबकि नीचे की हरी हैं, तो यह लौह तत्व (Iron) की कमी का संकेत है. इसके लिए 0.5% फेरस सल्फेट + 0.25% चूना मिलाकर छिड़काव करें.
इस समय मक्का की बुवाई के लिए उत्तम समय है. किसान निम्नलिखित संकर या उन्नत किस्मों का चयन करें:
यह समय ज्वार और लोबिया की बुवाई के लिए उपयुक्त है. किसान निम्नलिखित किस्मों की बुवाई करें:
बारिश के मौसम में खेतों में जलभराव और बीमारियों का खतरा अधिक होता है. ऐसे में किसानों को समय पर उचित कदम उठाने चाहिए. जल निकास की व्यवस्था, पौधशाला की सही देखभाल, संतुलित उर्वरक का प्रयोग और बीजों का उपचार- यह सभी बातें आपकी फसल को बेहतर उत्पादन देने में मदद करेंगी.
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