किसानों से सीधे जुड़कर उत्पाद बेचने वाली कंपनी KisaanSay अगले 4-5 वर्षों में 500 किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) से साझेदारी करने की योजना बना रही है. पिछले दो वर्षों में कंपनी ने 20 FPOs के साथ काम करते हुए 50,000 किसानों तक अपनी पहुंच बनाई है और 100 से अधिक उत्पाद अपने पोर्टफोलियो में शामिल किए हैं.
KisaanSay एक खास 'को-ब्रांडेड मॉडल' पर काम कर रही है. इस मॉडल के तहत FPOs अपने उत्पाद कंपनी के ब्रांड नाम के साथ बेच सकते हैं. इसके बदले में, कंपनी और FPO के बीच 50:50 के लाभ साझा करने का समझौता होता है. उत्पादन की पूरी जिम्मेदारी FPO की होती है जबकि KisaanSay मार्केटिंग और ब्रांडिंग संभालती है.
कंपनी के फाउंडर, नितिन पुरी ने बताया कि KisaanSay FPOs को पैकेजिंग सामग्री उपलब्ध कराती है. FPOs को गुणवत्ता मानकों के अनुसार अपने उत्पादों की पैकिंग करनी होती है और फिर उन्हें केंद्रीय वेयरहाउस भेजा जाता है, जहाँ से वे देशभर में वितरित किए जाते हैं.
पुरी ने यह भी बताया कि भविष्य में कंपनी अलग-अलग राज्यों में डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर खोलने की योजना बना रही है ताकि माल सीधे उत्पादन स्थल से उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जा सके, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत भी कम होगी.
KisaanSay के उत्पाद अब कई बड़े ऑनलाइन और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे Amazon, Reliance Jio, Zepto, Blinkit और Big Basket पर उपलब्ध हैं. कंपनी की योजना है कि बहुत जल्द इसके उत्पाद Flipkart पर भी मिनटों में डिलीवरी के लिए उपलब्ध होंगे.
KisaanSay के साथ जुड़ने वाले कुछ FPOs ने पहले ही ₹50 लाख से अधिक का टर्नओवर हासिल कर लिया है. एक अकेले FPO की वार्षिक कमाई ₹4 करोड़ तक पहुँच सकती है, जो किसानों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
पुरी ने जानकारी दी कि कंपनी दुबई के ऑनलाइन और ऑफलाइन मार्केट में भी अपने उत्पादों की बिक्री शुरू करने के अंतिम चरण में है. उन्होंने KisaanSay की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता का श्रेय सोशल मीडिया पर की जा रही आक्रामक मार्केटिंग को दिया.
यह जानकारी गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित साप्ताहिक वेबिनार के दौरान सामने आई. इस वेबिनार में FPOs को निजी कंपनियों के अधिकारियों से सीधे बातचीत करने का मौका मिला, जिससे साझेदारी के नए रास्ते खुल सकते हैं.
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