खरीफ सीजन की शुरुआत होते ही किसान अपने खेतों में कपास की खेती के लिए उतर गए हैं. किसान कपास की खेती नकदी फसल के तौर पर करते हैं. इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है. साथ ही कपास की खेती करने में अधिक परिश्रम की आवश्यकता होती है. इसका उपयोग कपड़े बनाने में किया जाता है, इसमें रूई से बीजों को साफ कर रूई का उपयोग कपड़े बनाने के लिए किया जाता है. वहीं, इसके बीजों से तेल निकाला जाता है. वहीं, इसकी खेती भारत के कई राज्यों में की जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कपास उत्पादन के मामले में कौन सा राज्य सबसे आगे है यानी सबसे अधिक कपास की खेती कहां होती है. आइए इस खबर में जान लेते हैं.
कपास उत्पादन के मामले में गुजरात देश के अन्य सभी राज्यों में सबसे आगे है. इससे पहले महाराष्ट्र इस मामले में सबसे आगे था. यहां की जलवायु और मिट्टी कपास की खेती के लिए काफी अनुकूल है. इस वजह से सबसे अधिक कपास का उत्पादन गुजरात में होता है. खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल उत्पादित होने वाले कपास में गुजरात अकेले 27.85 फीसदी का उत्पादन करता है.
कपास उत्पादन में गुजरात जहां सबसे आगे हैं तो वहीं दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है. जहां कुल 24.74 फीसदी कपास का उत्पादन किया जाता है, फिर तेलंगाना है जहां 15.62 फीसदी कपास का उत्पादन किया जाता है. इसके अलावा चौथे पायदान पर राजस्थान है. इस राज्य का कपास उत्पादन में 8.06 फीसदी की हिस्सेदारी है. इसके अलावा पांचवें नंबर पर कर्नाटक है जहां कपास की 6.33 फीसदी पैदावार होती है. वहीं, छठे पायदान पर मध्य प्रदेश है. इस राज्य की आम उत्पादन में 5.54 फीसदी की हिस्सेदारी है. यानी ये छह राज्य मिलकर कुल 90 फीसदी कपास का उत्पादन करते हैं.
बता दें कि ये कपास की बुवाई का ये बिल्कुल सही समय है. इसलिए कृषि एक्सपर्ट का मानना होता है कि किसानों को कपास की खेती कतार से कतार की दूरी 108 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 60 सेंटीमीटर पर करना चाहिए. वैकल्पिक रूप से 67.5 गुणा 90 सेंटीमीटर की दूरी पर भी बुवाई की जा सकती है. वहीं, खाद और उर्वरक में 40 किलो यूरिया प्रति बीघा तीन हिस्सों में दें. खेत तैयारी के समय आखिरी जुताई में कुछ मात्रा गोबर की खाद सड़ी खाद में मिलाकर डालें. इसके अलावा एक तिहाई बुवाई के समय, एक तिहाई पहली सिंचाई के साथ और बाकी कलियां बनते समय दें.
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