पाकिस्तान का कृषि निर्यात घटा भारत ने पिछले दिनों प्याज और चावल के निर्यात को लेकर अपनी नीति में बदलाव किया है. इसका सीधा असर अब पाकिस्तान पर दिखने लगा है. इस बात को अब उनके मंत्री भी कबूल करने लगे हैं. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में उनके वाणिज्य मंत्री जम कमाल खान ने कबूल किया है कि भारत के कृषि उत्पादों, खासतौर पर चावल और प्याज, के बढ़ते निर्यात का पाकिस्तान के निर्यात पर सीधा प्रभाव पड़ा है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक लिखित जवाब में पाकिस्तानी वाणिज्य मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में देश के कुल निर्यात में कृषि-खाद्य उत्पादों की हिस्सेदारी लगभग 22 प्रतिशत रही. हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस सेक्टर में 3.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. इसका प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट है, जो भारत द्वारा प्रमुख निर्यात प्रतिबंध हटाए जाने के बाद देखने को मिली. खान ने कहा कि भारतीय कृषि उत्पादों के ग्लोबल मार्केट में दोबारा दाखिल होने से सप्लाई बढ़ गई है और अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट आई है. इसका सीधा असर पाकिस्तान की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता पर पड़ा है. चावल ओर प्याज जैसे प्रमुख कृषि निर्यात पर इसका असर खासकर पड़ा है क्योंकि ये पाकिस्तान के सबसे बड़े विदेशी मुद्रा कमाने वाले कृषि आइटमों में शामिल हैं.
पाकिस्तान के कुल निर्यात वित्तीय वर्ष 2024-25 में 32.04 अरब डॉलर रहे, जो पिछले वर्ष के 30.68 अरब डॉलर की तुलना में हल्की बढ़ोतरी है. लेकिन सरकार ने स्वीकार किया कि कृषि सेक्टर की कमजोरी ने टेक्सटाइल और आईटी सेवाओं से होने वाले फायदे को काफी हद तक कम कर दिया. मंत्री के जवाब में कृषि निर्यात पर कई तरह के दबावों का उल्लेख किया गया है, जिनमें ईरान, अफगानिस्तान और खाड़ी मार्गों से ट्रांजिट पर क्षेत्रीय असुरक्षा का असर भी शामिल है.
भारत ने साल 2022 से 2023 के बीच घरेलू महंगाई नियंत्रित करने के लिए कई ग्रेड के चावल के निर्यात पर चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध लगाया था. लेकिन मार्च 2025 में भारत ने 100 प्रतिशत टूटे सफेद चावल के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा दिया. इससे ग्लोबल मार्केट में सप्लाई बढ़ गई. साथ ही भारतीय निर्यातक अपनी खोई हुई हिस्सेदारी वापस पाने लगे. पाकिस्तान के व्यापार विश्लेषकों को आशंका है कि भारत की इस नीति में बदलाव से अन्य खाद्यान्नों में भी प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी, क्योंकि वियतनाम और म्यांमार जैसे देश भी प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए अपनी कीमतें कम कर रहे हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का कुछ चुनिंदा कृषि उत्पादों पर अत्यधिक निर्भर होना उसे और अधिक संवेदनशील बना देता है, खासकर तब जब भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है, दोबारा बड़े पैमाने पर व्यापार शुरू कर चुका है. इसी तरह से भारत ने इस साल मई में प्याज के एक्सपोर्ट पर लगी रोक हटा दी थी.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today