अमरूद हमारे देश में काफी लोकप्रिय फल है. यह लगभग हर जगह पाया जाता है और अन्य फलों के मुकाबले बेहद सस्ता होता है. स्थानीय स्तर पर उपलब्धता की वजह से लोग इसे उतना महत्व नहीं देते जितना कि इसे मिलना चाहिए. लेकिन अब कृषि वैज्ञानिक लोगों को इसके गुणों के बारे में बता रहे हैं. व्यावसायिक फलों में अमरूद विशेष महत्व रखता है. यह लोकप्रिय फल है. इसकी खेती उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात आदि राज्यों में की जाती है. यह विटामिन-सी, ए, और ई का अच्छा स्रोत है. फल के अलावा अमरूद की पत्तियों के भी बहुत फायदे हैं. इसकी पत्तियां एंटीऑक्सीडेंट्स, जीवाणुरोधी और एंटीइन्फ्लैमेट्री गुणों से भरपूर हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) से जुड़े वैज्ञानिकों हेमन्त कुमार, संजय पाठक और सर्वेश कुमार दुबे ने इसके गुणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है.
इन वैज्ञानिकों ने बताया कि इसमें पॉलीफेनोल्स, टैनिन, फ्लैवेनॉइड्स और कैरोटीनॉयड पाया जाता है जो स्वास्थ्य संबंधी लाभ में कारगर साबित होते हैं. उन्होंने अमरूद तथा इसकी पत्तियों से बनने वाली देसी दवाओं तथा उन्हें बनाने की विधियों का उल्लेख किया है. बताया है कि अलग-अलग तकलीफों को ठीक करने में यह कितना कारगर है.
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इस काढ़े से गरारे करने से मुंह के छाले, मसूड़ों से खून आना और मुँह के स्वास्थ्य में मदद मिलती है.
इससे धोने से बालों के झड़ने को रोकने में मदद मिलती है और बालों की स्वस्थ वृद्धि में बढ़ावा मिलता है.
काढ़े को बनाने के लिए 4 कप पानी में 7-10 पत्ते जब तक उबालें तब तक पानी आधा रह जाए.
पीरियड्स की ऐंठन, एसिडिटी, डायबिटीज और बालों के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी. इसे खाली पेट दिन में 1-2 बार लें.
पेस्ट के रूप में अमरूद के पत्ते
अमरूद के ताजे पत्तों का पेस्ट सूजन, बुखार, सिरदर्द और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है.
संवेदनशील दांतों और मसूड़ों, खराब सांस और दंत स्वच्छता का इलाज, बुखार, खांसी आदि रोगों से राहत
15-20 ताजे और हरे अमरूद के पत्तों को सादे और साफ पानी से धोएं.
इन पत्तियों को एक मोर्टार में रखें और मूसल का उपयोग करके पेस्ट जैसी स्थिरता में कुचल दें.
अमरूद के पत्तों के पेस्ट को कवर करें और कैप के साथ एक साफ कंटेनर में स्थानांतरित करें.
अमरूद के पत्तों के पेस्ट में अपने बाल एवं त्वचा की सुरक्षा के लिए प्याज का रस, शहद, नारियल का तेल या एलोवेरा भी मिला सकते हैं.
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