8 मई को पूरी दुनिया में विश्व गधा दिवस के रूप में मनाया जाता है. जो कई लोगों के लिए हास्य का विषय हो सकता है. लेकिन गधा इंसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साथी साबित हुआ है. इंसान ने अपना बोझ ढोने के लिए गधे का इस्तेमाल सदियों से करते आ रहे हैं. जिस वजह से यह इंसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. खासकर पहाड़ी इलाकों में आरएच रहे लोगों की जिंदगी को आसान बनाने में गधे का सबसे बड़ा योगदान रहता है. वहां के लोग गधे का इस्तेमाल समान ढोने से लेकर कई अन्य चीजों में भी करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है गधा दिवस के पीछे का इतिहास और इससे जुड़ी कहानी.
गधा दिवस (Donkey Day) 8 मई को मनाया जाता है, और यह एक प्रकार का उपहासित दिवस है जिसमें लोग गधा को समर्पित कार्यों और व्यवहारों के माध्यम से मनाते हैं. यह दिवस विभिन्न भागों में भिन्न-भिन्न तरीकों से मनाया जाता है, कुछ स्थानों पर लोग गधे की प्रतिमा बनाकर पूजा अर्चना करते हैं, जबकि कुछ अन्य स्थानों पर लोग गधे के साथ विभिन्न प्रकार के खेल और मनोरंजन कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं.
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इस त्योहार के पीछे का इतिहास विभिन्न संस्कृतियों और क्षेत्रों में विभिन्न हो सकता है. इसमें कई स्थानों पर गधे को अल्पकालिक रूप से गौरवित करने का एक तरीका माना जाता है, ताकि लोग विशेष अवसरों पर हंसी और मनोरंजन का आनंद ले सकें. यह एक प्रकार का लोक कला और सांस्कृतिक उत्सव है जिसमें लोग अपने दैनिक जीवन के तनाव को कम करने के लिए समाजिक साथी के रूप में गधे को मान्यता देते हैं.
इस दिन के बारे में कोई आधिकारिक तथ्य नहीं है, लेकिन यह कई स्थानों पर पुरानी परंपराओं और कहानियों से जुड़ा हो सकता है जिनमें गधे को कुछ विशेष कारणों से महत्वपूर्ण माना गया हो. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य समारोह तौर पर मनोरंजन और हंसी का आनंद लेना होता है.
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