गर्मियों में बेल का शरबत तो लगभग सभी लोग पीते हैं. बेल लू से बचाने में मदद करता है और शरीर को ठंडा रखता है. वहीं, बेल भारत में सिर्फ एक धार्मिक पेड़ नहीं, बल्कि सेहत और कमाई दोनों का जरिया है. अगर आपके पास थोड़ी सी जमीन है और आप इसकी खेती करके कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. इस पेड़ की खास बात है कि इसे लगाने के बाद देखभाल की जरूरत न के बराबर रहती है. इसके पत्ते का इस्तेमाल लोग पूजा-पाठ में भी करते हैं, लेकिन आप शायद जानते होंगे कि देश में बेल का उत्पादन सबसे अधिक कहां-कहां होता है और बेल उत्पादन में नंबर वन राज्य कौन सा है? आइए विस्तार से जानते हैं.
APEDA के आंकड़ों के अनुसार, भारत में सबसे अधिक बेल का उत्पादन ओडिशा में होता है. यानी बेल उत्पादन के मामले में ये राज्य अव्वल है. यहां के किसान हर साल बंपर बेल का उत्पादन करते हैं. देश की कुल बेल उत्पादन में ओडिशा का 70.72 फीसदी की हिस्सेदारी है. यहां की मिट्टी और जलवायु बेल की बागवानी के लिए बेहतर मानी जाती है.
बेल उत्पादन के मामले में ओडिशा जहां सबसे आगे है. तो वहीं उसके बाद दूसरे स्थान पर झारखंड़ है. यहां के किसान अधिक मात्रा में बेल उगाते है. यहां कुल 13.84 फीसदी बेल का उत्पादन किया जाता है. वहीं, इसके उत्पादन में तीसरे पायदान पर मध्य प्रदेश है. यहां बेल का 7.00 फीसदी उत्पादन किया जाता है. इसके अलावा चौथे पायदान पर पश्चिम बंगाल है. इस राज्य का बेल उत्पादन में 6.65 फीसदी की हिस्सेदारी है. साथ ही पांचवें नंबर पर छत्तीसगड़ है जहां बेल की 0.81 फीसदी पैदावार होती है. वहीं, छठे पायदान पर जम्मू-कश्मीर है. यहां बेल का 0.72 फीसदी उत्पादन किया जाता है. यानी ये छह राज्य मिलकर कुल लगभग 98 फीसदी बेल का उत्पादन करते हैं.
बेल का फल पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसलिए कई लोग बेल का शर्बत पीना पसंद करते हैं. बेल प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स का काफी अच्छा स्त्रोत है. बेल में विटामिन सी, बीटा कैरोटीन, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक और आयरन पाए जाते हैं. इतना ही नहीं बेल में डाइटरी फाइबर भी होता है, जिसे पेट के लिए काफी अच्छा माना जाता है.
बेल का पौधा लगाने के लिए सितंबर का महीना बेस्ट माना जाता है. वहीं, बेल के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. साथ ही बेल का पौधा लगाते वक्त ध्यान रखें कि हर पौधों के बीच 6 से 8 मीटर की दूरी होनी चाहिए. ऐसे करने से पेड़ फैलकर बड़े हो पाते हैं और उन्हें अच्छी हवा-पानी मिलती है. हर बेल के पौधे के लिए लगभग 60 सेंटीमीटर गहराई और चौड़ाई वाला गड्ढा तैयार करें. इसमें 3 से 4 टोकरी सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं. साथ ही, 20 से 25 किलो बालू और करीब 1 किलो चूने का मिक्सचर बनाकर गड्ढे भर दें फिर पौधा लगा दें.
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