बिहार की धरती पर उगने वाला सुपरफूड मखाना अब सिर्फ राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुका है. दुनिया के कई देशों में मखाना का स्वाद चखा जा रहा है और इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. इस बढ़ती लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए इस साल भी अक्टूबर के पहले सप्ताह में राजधानी पटना के ज्ञान भवन में मखाना महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. यह महोत्सव कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय की जिम्मेदारी में होगा.
मखाना महोत्सव में मखाना से जुड़े किसान, प्रसंस्करण इकाइयों के संचालक, स्टार्ट-अप उद्यमी, उद्योग जगत के प्रतिनिधि, शोधकर्ता और नीति-निर्माता एक मंच पर जुटेंगे. दशहरा के बाद, 4 और 5 अक्टूबर को पटना में आयोजित इस महोत्सव में मखाना के यांत्रिकीकरण, बी2बी सम्मेलन, निर्यात सहयोग, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्द्धन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेष सत्र होंगे.
उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार ने बताया कि मखाना बिहार की सामाजिक और सांस्कृतिक परंपरा का अभिन्न हिस्सा है. स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरुकता ने मखाना को सुपरफूड का दर्जा दिलाया है. मखाना के उत्पादन और खेती के क्षेत्र में पिछले वर्षों में क्रमशः 152 प्रतिशत और 171 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. मखाना विकास योजना, पीएमएफएमई, बीआईआईपीपी जैसे सरकारी प्रयासों ने इस क्षेत्र को नई दिशा दी है.
महिला उद्यमियों और युवाओं की भागीदारी भी इस क्षेत्र में बढ़ रही है. स्टार्ट-अप और लघु उद्योगों के माध्यम से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़े हैं. मखाना बोर्ड की अधिसूचना ने भी इस क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म दिया है. इस महोत्सव में किसान और उद्यमी मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण, निर्यात और मार्केटिंग से जुड़ी नई तकनीकों से अवगत होंगे.
यह महोत्सव न केवल बिहार के किसानों और उद्योगपतियों के लिए, बल्कि वैश्विक बाजार में मखाना के भविष्य के लिए भी अहम साबित होगा. उद्यान निदेशक के अनुसार वैश्विक स्तर पर मखाना की मांग लगातार बढ़ रही है. इसका लाभ उठाने के लिए बिहार के युवाओं और महिलाओं ने बड़ी संख्या में स्टार्ट-अप और लघु उद्योग शुरू किए हैं. इससे न सिर्फ स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ा है, बल्कि हाल ही में मखाना बोर्ड की अधिसूचना ने इस क्षेत्र में नई ऊर्जा और संभावनाएँ भी पैदा की हैं.
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