कृषि क्षेत्र में जीएसटी को लेकर एक बड़ी खबर है. हो सकता है कि आने वाले समय में ट्रैक्टर, उर्वरक और कीटनाशकों पर माल और सेवा कर (GST) घटा दिया जाए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोक सभा में कहा कि कृषि औजारों की टैक्स कटौती पर सरकार विचार कर रही है. उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर, ड्रिप सिंचाई प्रणाली, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे कृषि इनपुट पर जीएसटी को शून्य करने के प्रस्ताव पर 17 सितंबर, 2021 को जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक में चर्चा की गई थी लेकिन उस समय इस पर सहमति नहीं बन पाई थी.
इस पर जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘अब मंत्रियों का समूह इस पर विचार कर रहा है. इसलिए इन वस्तुओं पर विचार के बाद ही निर्णय होगा.’ बता दें कि लोक सभा ने वित्त विधेयक, 2025 को पारित कर दिया है. इस दौरान सीतारमण ने कृषि से संबंधित वस्तुओं पर जीएसटी ढांचे को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि बीज पर कोई जीएसटी नहीं लगता है. इसी तरह उर्वरकों पर 5 फीसदी और हाथ से उपयोग किए जाने वाले औजारों पर शून्य टैक्स लगता है. ट्रैक्टरों पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगाता है. कृषि उपयोग वाले पंपों पर भी 12 फीसदी जीएसटी लगता है.
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कृषि उत्पादों पर जीएसटी में कटौती किसानों की लंबे समय से मांग रही है और इससे खेती में उनकी इनपुट लागत में काफी कमी आएगी. वित्त विधेयक 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए, जिसे बाद में लोकसभा ने पारित कर दिया, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी व्यवस्था को “प्रगतिशील” बताते हुए इसका बचाव किया और कहा कि 28 प्रतिशत का उच्चतम जीएसटी स्लैब केवल 3 प्रतिशत से कम सामान्य उपभोग की वस्तुओं पर लागू है, जबकि 60 प्रतिशत ऐसी वस्तुओं पर 5 प्रतिशत या उससे कम का जीएसटी लगता है.
उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर जीओएम लगातार टैक्स की दरों का आकलन करने और जीएसटी परिषद को सिफारिशें देने के लिए बैठक करता है. सीतारमण ने यह भी कहा कि सबसे गरीब 50 प्रतिशत आबादी को औसतन 7.3 प्रतिशत जीएसटी दर का सामना करना पड़ा, जबकि मार्च 2023 तक कुल जीएसटी दर 12.2 प्रतिशत थी - जो जीएसटी लागू होने और जीएसटी से पहले की व्यवस्था में 15 प्रतिशत से कम है.
अब सबका ध्यान इस तरफ है कि क्या सरकार कृषि से जुड़े उत्पादों पर जीएसटी घटाती है. वित्त मंत्री ने कहा है कि इस पर जीओएम विचार कर रहा है. अगर कृषि औजारों और अन्य इनपुट पर जीएसटी घटता है तो किसानों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि उनकी खेती की लागत घटने से लाभ का दायरा बढ़ेगा. सरकार भी किसानों की आय दोगुनी करने पर लगातार फोकस कर रही है. इसे देखते हुए जीएसटी दरों में कटौती सरकार के इस अभियान में मदद कर सकती है.
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