भारत सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. यह निर्णय लिया गया है कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारी, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, बड़ी चेन के खुदरा विक्रेता और प्रोसेसर 1 अप्रैल 2025 से अपना गेहूं का स्टॉक पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर हर शुक्रवार को घोषित करेंगे. यह कदम गेहूं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और बेईमानी और सट्टेबाजी को रोकने के लिए उठाया गया है.
राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में काम कर रही सभी संस्थाओं को 31 मार्च 2025 तक गेहूं के स्टॉक की सीमा का पालन करना होगा. इसके बाद, प्रत्येक संस्था को पोर्टल पर नियमित रूप से गेहूं के स्टॉक की जानकारी देना जरूरी होगा. यह प्रक्रिया हर शुक्रवार को अपडेट की जाएगी, जिससे सभी संबंधित अधिकारियों को गेहूं के स्टॉक की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा.
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यदि कोई संस्था पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कर पाई है, तो वह अपना पंजीकरण करवा सकती है और फिर हर शुक्रवार को गेहूं के स्टॉक का खुलासा करना शुरू कर सकती है. यह कदम सट्टेबाजी और कृत्रिम कीमतों को नियंत्रित करने में सहायक होगा.
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खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग गेहूं के स्टॉक की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखेगा. विभाग का मुख्य उद्देश्य सट्टेबाजी को रोकना, गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करना और देश में इसकी सुगम उपलब्धता को सुनिश्चित करना है. नियमित स्टॉक जानकारी के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि गेहूं की कोई कमी न हो और किसी भी तरह की कालाबाजारी न हो.
भारत सरकार का यह कदम गेहूं की स्टॉक स्थिति पर पारदर्शिता लाने और खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. पोर्टल पर नियमित जानकारी के माध्यम से न केवल सट्टेबाजी को रोका जा सकेगा, बल्कि कीमतों में बड़ा उछाल भी नहीं होगा. यह सुनिश्चित करेगा कि सभी लोगों को उचित मूल्य पर गेहूं उपलब्ध हो, और किसी भी प्रकार की संकट की स्थिति से बचा जा सके.
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