किसानों की शिकायतों, सुझाव और मदद के लिए पोर्टल बनाएगी सरकार, कृषि मंत्री का ऐलान

किसानों की शिकायतों, सुझाव और मदद के लिए पोर्टल बनाएगी सरकार, कृषि मंत्री का ऐलान

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की शिकायतों के समाधान के लिए की उच्चस्तरीय बैठक. शिवराज सिंह चौहान ने कहा, किसानों की शिकायतों, सुझाव और अन्य मदद के लिए एक समर्पित पोर्टल रहेगा. किसानों को त्वरित राहत के लिए शिकायतों की नियमित समीक्षा करेंगे केंद्रीय मंत्री.

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किसानों की शिकायतों, सुझाव और मदद के लिए पोर्टल बनाएगी सरकार, कृषि मंत्री का ऐलानकृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक कर, किसानों से कॉल सेंटर और अन्य पोर्टल्स के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों के समाधान के संबंध में समीक्षा की. बैठक में शिवराज सिंह ने अलग-अलग पोर्टल की जगह किसानों की सुविधा के लिए उनकी शिकायतों, सुझाव और अन्य सहायता के लिए एक ही समर्पित पोर्टल बनाने और समस्याओं का जल्द से जल्द समुचित निराकरण करने का निर्देश अधिकारियों को दिया. केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं नियमित रूप से किसानों से मिली शिकायतों की समीक्षा करेंगे, ताकि उन्हें त्वरित राहत प्रदान की जा सके. 

किसानों से प्राप्त शिकायतों व हेल्पलाइन नंबर पर आ रही कॉल्स को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने गंभीरता दिखाते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान में कोई देरी नहीं होना चाहिए. शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों के हित में सभी अधिकारी पूरी पारदर्शिता, विश्वसनीयता और संवेदनशीलता से काम करते हुए व्यवस्था को और सुदृढ करें. व्यवस्था ऐसी होना चाहिए, जिससे कि किसानों की शिकायतों का रीयल टाइम में उचित समाधान हो सके. हम सभी की कोशिश यहीं होना चाहिए कि किसान हर हाल में खुशहाल रहें और खेती समृद्ध हो.

घटिया खाद-बीज और कीटनाशक पर सख्ती

बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने अधिकारियों से, किसानों से मिलने वाली शिकायतों की जानकारी ली, जिसमें अनेक शिकायतें नकली या घटिया खाद-बीज और कीटनाशक के संबंध में हैं. शिवराज सिंह ने इन शिकायतों का समाधान प्राथमिकता से करने का निर्देश देते हुए कहा कि उन्हें राज्यों में प्रवास के दौरान भी ऐसी शिकायतें मिलती हैं, किसानों को हमें लुटने से बचाना चाहिए और इसके लिए अमानक खाद-बीज, कीटनाशक की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाना होगी. केंद्र के अधिकारी अपने स्तर पर कार्रवाई के साथ ही राज्य सरकारों के साथ मिलकर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि हमारे किसान भाई-बहनों को राहत मिल सकें. शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों की इन समस्याओं को हल करने में राज्यों की सहभागिता आवश्यक है. वे स्वयं इस संबंध में मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख चुके हैं, आगे वर्चुअल माध्यम से भी राज्यों से चर्चा करेंगे, ताकि किसानों को पूरी तरह से राहत मिल सके.

बायोस्टिमुलेंट की बिक्री पर जताई नाराजगी

अवैध बायोस्टियुमिलेंट (जैव उत्तेजक) की पूर्व में हुई बिक्री को लेकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने एक बार फिर कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि बायोस्टियुमिलेंट की बिक्री केवल नोटिफाइड प्रोडक्ट्स की ही हो, ये सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया और अब तक नोटिफाइड 146 बायोस्टियुमिलेंट के अलावा अन्य बिना अनुमति प्राप्त बायोस्टियुमिलेंट की बिक्री नहीं हो, सुनिश्चित करने पर बल दिया. साथ ही, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने अधिसूचित बायोस्टियुमिलेंट के बारे में किसानों को जागरूक करने और प्रमाणित बायोस्टियुमिलेंट की सूची सोशल मीडिया द्वारा किसानों तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए.

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि मिलने और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्लेम आदि के संबंध में मिली शिकायतों की जानकारी भी ली. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ये दोनों महत्वपूर्ण योजनाएं हैं, जिनके संबंध में किसानों की हर शिकायत का निराकरण कर किसानों से संपर्क करके अधिकारी उनका फीडबैक भी लें. हर हाल में हमारे किसान पूर्णतः संतुष्ट होना चाहिए, यही हमारा उद्देश्य है. बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी भी मौजूद थे, जिन्होंने केंद्रीय मंत्री चौहान को अपने सुझाव दिए. 

स्वदेशी अपनाने का संकल्प 

बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "स्वदेशी अपनाओ" के आह्वान और इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह की अपील पर यथासंभव स्वदेशी वस्तुएं अपनाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के साथ ही कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी सहित सभी अधिकारियों ने संकल्प लिया कि वे जीवन में यथासंभव स्वदेशी वस्तुओं का ही उपयोग करेंगे.

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