चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित एग्री-बिजनेस इंक्यूबेशन सेंटर (एबिक) ने हरियाणा के छात्रों, उद्यमियों व किसानों से बिजनेस आइडिया मांगे हैं, जो उनको कृषि व्यवसायी बनाने में अहम रोल अदा कर सकते हैं. एबिक व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार की ओर से ग्रांट देने वाले 'पहल', 'सफल' व 'छात्र कल्याण प्रोग्राम' में आवेदन करने की आखिरी तारीख 20 सितंबर 2024 तक बढ़ा दी है. इसका लाभ लेने के लिए उम्मीदवार को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज के अनुसार, इस सेंटर के माध्यम से युवा छात्र, किसान, महिला व उद्यमी मार्केटिंग, नेटवर्किंग, लाईसेंसिंग, ट्रैडमार्क व पेटेंट, तकनीकी व फंडिग से संबंधित प्रशिक्षण लेकर कृषि क्षेत्र में अपने स्टार्टअप को नया आयाम दे सकते हैं. इसके लिए छात्र कल्याण प्रोग्राम, ‘पहल’ एवं ‘सफल’-2024 नाम से तीन प्रोग्रामों का विवरण इस प्रकार हैं:
छात्र कल्याण प्रोग्राम: यह प्रोग्राम छात्रों के लिए पहली बार प्रारंभ किया गया है, जो छात्रों को उद्यमी बनाने में मदद करेगा. इस प्रोग्राम के तहत केवल छात्र ही आवेदन कर सकते हैं. चयनित छात्र को एक महीने का प्रशिक्षण व 4 लाख तक की अनुदान राशि दी जाएगी. यह राशि चयनित छात्र को एकमुश्त दी जाएगी.
पहल: इस प्रोग्राम के तहत चयनित उम्मीदवार को एक महीने का प्रशिक्षण व 5 लाख तक की अनुदान राशि प्रावधान की जाएगी. यह राशि चयनित उम्मीदवार को एकमुश्त दी जाएगी.
सफल: इस प्रोग्राम के तहत चयनित उम्मीदवार को एक महीने का प्रशिक्षण व 25 लाख तक की अनुदान राशि प्रावधान की जाएगी. यह राशि चयनित उम्मीदवार को दो किश्तों में दी जाएगी.
उन्होंने बताया पिछले 5 सालों में 65 स्टार्टअप्स को केन्द्रीय कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्रालय द्वारा लगभग 7 करोड़ की राशि स्वीकृत की जा चुकी है. कुलपति ने उक्त कार्यक्रमों से संबंधित विवरण पुस्तिका का विमोचन किया.
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आवेदक को अपने आइडिया का प्रपोजल एचएयू की वेबसाइट पर ऑनलाइन सबमिट करना है, जोकि नि:शुल्क है. इसके बाद उस आइडिया का यूनिवर्सिटी वैज्ञानिक व इंक्युबेशन कमेटी द्वारा एक महीने के प्रशिक्षण के लिए चयन किया जाएगा. एक महीने के प्रशिक्षण के बाद भारत सरकार द्वारा गठित कमेटी आवेदक के आइडिया को प्रस्तुत करवाएगी और चयनित आवेदक को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुदान राशि स्वीकृत की जाएगी.
कुलपति ने कहा युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करने का एक सुनहारा अवसर है. एबिक सेंटर से प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता लेकर युवा रोजगार खोजने की बजाय रोजगार देने वाले बन सकते हैं. इस सेंटर के माध्यम से स्टार्टअप्स देश को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे. भारत सरकार ने महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राशि देने का प्रावधान रखा है.
इसके साथ ही युवा, किसान व उद्यमी एबिक सेंटर के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन, सर्विसिंग, पैकजिंग व ब्रांडिग करके व्यापार की अपार संभावनाएं तलाश सकते हैं. ये तीनों कार्यक्रम उनको आत्मनिर्भर बनाने में काफी मददगार साबित होंगे. उन्होंने कि कहा इस सेंटर से अब तक जुड़े युवा उद्यमी व किसानों ने न केवल अपनी कंपनी का टर्न ओवर करोड़ों रुपये तक पहुंचाया है, बल्कि उन्होंने दूसरे लोगों को रोजगार भी प्रदान किया है.
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