डिप्टी सीएम अजित पवार (File Photo- ITG)नागपुर में चल रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने गुरुवार को बड़ा बयान देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने इस साल बेमौसम बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों की मदद के लिए केंद्र से 29,781 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता मांगी है. उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही 44,000 करोड़ रुपये किसानों को राहत के रूप में दे चुकी है, लेकिन भारी नुकसान को देखते हुए और धनराशि की जरूरत है.
पवार ने पूरक मांगों पर चर्चा के दौरान कहा कि राज्य सरकार किसानों को राहत देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और जरूरी संसाधन जुटाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि केंद्र की एक निरीक्षण टीम चार जिलों का दौरा कर चुकी है और दूसरी टीम अगले सप्ताह राज्य का जायजा लेने आएगी. पवार ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार जल्द ही सहायता राशि मंजूर करेगी.
इस साल सितंबर में हुई भारी बारिश और बाढ़ ने विशेष रूप से मराठवाड़ा और आसपास के इलाकों की खेती को बुरी तरह प्रभावित किया था. पूरे राज्य में करीब 68.69 लाख हेक्टेयर फसलें नष्ट हो गई थीं, जिससे लाखों किसानों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई. इसी के मद्देनजर राज्य सरकार ने अक्टूबर में 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजा पैकेज की घोषणा की थी.
उप मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और राज्य की आर्थिक संरचना को मजबूत करने के प्रयास जारी हैं. सदन ने लगभग 75,000 करोड़ रुपये की पूरक मांगों को मंजूरी भी दे दी. पवार के मुताबिक, महाराष्ट्र ने अपना वित्तीय घाटा तीन प्रतिशत के भीतर रखा है और कर्ज स्तर भी 20 प्रतिशत से नीचे है, जो उपलब्धि केवल कुछ राज्यों ने ही हासिल की है.
उन्होंने प्रमुख बजट प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि बालिराजा योजना के लिए 9,000 करोड़ रुपये, नासिक में होने वाले कुंभ मेले की तैयारी के लिए 3,000 करोड़ रुपये और महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के विस्तारित स्वरूप के लिए 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा संजय गांधी निराधार योजना के लिए भी धनराशि बढ़ाई गई है और केंद्र की ब्याज मुक्त ऋण योजना के लिए 5,600 करोड़ रुपये मिलान अनुदान के तौर पर दिए गए हैं. (पीटीआई)
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