नेपाल में लगातार बारिश के कारण गंडक नदी और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं, जिससे बागेहा के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. बाढ़ के पानी से खेत और घर डूब गए हैं, जिससे किसानों की धान, मक्का, गन्ना और सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. इस साल लगातार हो रही बारिश की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पर रहा है. बारिश की वजह से खेतों में लगी फसलें बर्बाद हो रही हैं. यही कारण है की किसान लगातार सरकार से फसल मुआवजे की मांग कर रही है.
इस साल, किसानों को खरीफ सीजन में अच्छी फसल की उम्मीद थी. समय पर बारिश और उनकी मेहनत से खेत हरे-भरे हो गए थे, लेकिन अचानक आई बाढ़ ने उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया. किसानों का कहना है कि महीनों की मेहनत चंद दिनों में ही बर्बाद हो गई.
बाघा, हरनाटांड, मधुबनी, गानाउली और आसपास के गांवों के खेत पूरी तरह पानी में डूबे हुए हैं. लगभग 25 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है. ग्रामीणों का कहना है कि इस नुकसान से न सिर्फ इस सीजन की फसल बर्बाद होगी, बल्कि अगले सीजन में बुआई पर भी असर पड़ेगा. कई किसानों ने खेती के लिए लोन लिया था; अब वे इस बात की चिंता कर रहे हैं कि वे लोन कैसे चुकाएंगे.
बाढ़ का पानी कई घरों में घुस गया है, जिससे घरों में रखा अनाज खराब हो गया है. एक किसान ने बताया कि उसके घर में रखा अनाज भी खराब हो गया है और अब उसे अपने बच्चों को खिलाने के लिए भी पर्याप्त भोजन मिलने की चिंता सता रही है.
किसानों ने मांग की है कि प्रशासन फसल के नुकसान का आकलन करने के लिए जल्द से जल्द सर्वे करे और उचित मुआवजा दे. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बाढ़ से उन्हें नुकसान होता है, लेकिन समय पर राहत और पुनर्वास कार्य न होने से स्थिति और खराब हो जाती है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के किसानों का कहना है कि अगर उन्हें समय पर मदद नहीं मिली तो वे अगली फसल नहीं बो पाएंगे. इस बीच, एक कृषि अधिकारी ने बताया कि फसल नुकसान का आकलन अभी भी जारी है. (अभिषेक पांडेय का इनपुट)
ये भी पढ़ें:
पंजाब: धान की फसल पर बौना वायरस का आतंक, 8000 एकड़ में लगी फसल प्रभावित
पंजाब में पराली जलाने से रोकने के लिए बड़ी पहल, अब लोकल पेललेट सप्लायर्स को प्राथमिकता देंगे थर्मल प्लांट्स
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today