किसानों को फसलों के नुकसान पर भरपाई के लिए केंद्र सरकार की ओर से पीएम फसल बीमा योजना चलाई जा रही है. योजना के जरिए किसान अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं. बीमा कराने के एवज में प्रीमियम के रूप में किसान को मामूली रकम देनी होती है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को प्रीमियम के रूप में जमा की गई रकम के बदले बीमा के रूप में करीब 5 गुना अधिक रकम भुगतान की गई है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान बताया कि पीएम फसल बीमा योजना किसानों की मदद के लिए 2016 से चलाई जा रही है और इसके जरिए अब तक 3.97 करोड़ किसानों को लाभ मिला है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों ने 32,440 करोड़ रुपये का प्रीमियम के तौर पर भरे और उन्हें क्लेम पेमेंट के रूप में 1.64 लाख करोड़ रुपये से अधिक रकम चुकाई गई है.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना की कमियों को दूर कर किसान के लिए लाभदायक बनाया गया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) देश में खरीफ 2016 सीजन में शुरू की गई थी और यह राज्यों के लिए और किसानों के लिए स्वैच्छिक है. योजना के तहत किसानों के लिए लगभग सभी फसलों का बीमा किया जाता है. ताकि, किसान का जोखिम कम किया जा सके और उसके नुकसान की भरपाई की जा सके.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की ओर से अब तक चुकाए गए 32,440 करोड़ रुपये के प्रीमियम के मुकाबले 1.64 लाख करोड़ रुपये के क्लेम की पेमेंट की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार किसानों की ओर से चुकाई गई प्रीमियम रकम की तुलना में 5 गुना अधिक क्लेम का भुगतान किया गया है. पीएम फसल बीमा योजना के तहत फसल नुकसान का आकलन रिमोट सेंसिंग के जरिए होगा.
क्लेम निपटान में देरी से बचने के लिए रिमोट सेंसिंग तरीके से फसल नुकसान का आकलन करने की व्यवस्था की गई है. यह पाया गया कि बीमा क्लेम निपटान में देरी ज्यादातर राज्यों की वजह से होती है. उन्होंने कहा कि इस योजना को सुचारू रूप से लागू करना भी राज्यों की जिम्मेदारी है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों का बीमा का भुगतान करने पर देरी करने वाली इंश्योरेंस कंपनी पर 12 फीसदी की पेनाल्टी लगाई जाएगी, जो किसान के खाते में सीधे भेजे जाएंगे. इसी खरीफ सीजन से इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा.
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