भारत में कई प्रकार की तिलहन फसलें हैं, जिनकी खेती किसान बड़े पैमाने पर करते हैं. भारत में तिलहन फसलों में मूंगफली, सरसों, तिल, कुसुम, अलसी, अरंडी, सोयाबीन और सूरजमुखी की खेती की जाती है. सोयाबीन और सूरजमुखी का भी हाल के वर्षों में महत्त्व काफी बढ़ गया है. लोग इन तेलों का प्रयोग अधिक मात्रा में करने लगे हैं. भारतीय रसोई में खाद्य तेल सबसे अहम सामानों में से एक हैं. बिना खाद्य तेल के कोई भी भोजन पूर्ण नहीं हो सकता है. लेकिन कई लोगों के लिए यह आश्चर्य की बात हो सकती है कि भारत अधिकांश खाद्य तेलों का आयात करता है.
वैसे तो देश के लगभग सभी राज्यों में खाद्य तेलों का उत्पादन किया जाता है, लेकिन इसके उत्पादन के मामले में राजस्थान भारत के अन्य सभी राज्यों में सबसे आगे है. वहीं भारत के मात्र चार राज्य मिलकर कुल 75 प्रतिशत खाद्य तेल का उत्पादन करते हैं. आइए जानते हैं कि खाद्य तेल उत्पादन के मामले में देश के वो टॉप चार राज्य कौन-कौन से हैं और कितना उत्पादन करते हैं.
खाद्य तेल का उत्पादन लगभग देश के सभी राज्यों में किया जाता है. लेकिन, देश के चार राज्य ऐसे हैं जहां 75 प्रतिशत खाद्य तेल का उत्पादन होता है. एग्रीकल्चर स्टेट बोर्ड (वर्ष 2021) के आंकड़ों के अनुसार वे टॉप चार राज्य, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात हैं.
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खाद्य तेल उत्पादन के मामले में राजस्थान देश के अन्य सभी राज्यों में सबसे आगे है. यहां की जलवायु और मिट्टी खाद्य तेल की खेती के लिए काफी अनुकूल है. एग्रीकल्चर स्टेट बोर्ड (वर्ष 2021) के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल उत्पादित होने वाले खाद्य तेल में राजस्थान अकेले 22.00 प्रतिशत का उत्पादन करता है.
खाद्य तेल के उत्पादन में राजस्थान जहां सबसे आगे है तो वहीं दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है. जो 18.52 प्रतिशत खाद्य तेल का उत्पादन करता है. फिर मध्य प्रदेश है, जो 18.50 प्रतिशत खाद्य तेल का उत्पादन करता है और फिर कर्नाटक है, जो 6.56 प्रतिशत कपास का उत्पादन करता है. इनके अलावा अन्य और फिर गुजरात है. जो 17.11 प्रतिशत खाद्य तेल का उत्पादन करता है. वहीं बचे हुए राज्य 25 प्रतिशत खाद्य तेल का उत्पादन करते हैं.
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