Dussehra 2023: इन दो शुभ योग में मनेगा दशहरा, होगा रावण दहन... जानें पूजा विधि, नियम और मुहूर्त

Dussehra 2023: इन दो शुभ योग में मनेगा दशहरा, होगा रावण दहन... जानें पूजा विधि, नियम और मुहूर्त

भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के दौरान लंका के राजा रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया था. तब भगवान राम, लक्ष्मण, हनुमान और वानर सेना ने माता सीता को रावण से छुड़ाने के लिए युद्ध किया था. भगवान राम और रावण के बीच कई दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ. माना जाता है कि भगवान राम ने 9 दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा की और 10वें दिन रावण का वध किया.

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Dussehra 2023: इन दो शुभ योग में मनेगा दशहरा, होगा रावण दहन... जानें पूजा विधि, नियम और मुहूर्तजानें रावण दहन से जुड़ी सभी बातें

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दसवें दिन रावण का दहन किया जाता है, जिसे विजयादशमी या दशहरा के नाम से जाना जाता है. हर साल, नवरात्रि उत्सव के समापन के साथ, बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में दशहरा या विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है. इस साल विजयादशमी का त्योहार 24 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, विजयादशमी का त्योहार हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं रावण दहन से जुड़ी सभी बातें पूजा विधि, नियम और मुहूर्त.

पंडित शशि शेखर मिश्र के मुताबिक इस साल दशहरा पर्व पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं. इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर के दिन शाम को 5:44 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 24 अक्टूबर को दोपहर 3:14 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार दशहरा का त्योहार इस साल 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा.

रावण दहन मुहूर्त

दशहरे के दिन लंकापति रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं. पुतला दहन तभी शुभ माना जाता है जब यह सही समय पर किया जाए. विजयादशमी के दिन यानी 24 अक्टूबर को पुतला दहन का शुभ समय शाम 05:43 बजे से सूर्यास्त के समय से ढाई घंटे तक रहेगा.

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क्यों मनाया जाता है दशहरा?

भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के दौरान लंका के राजा रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया था. तब भगवान राम, लक्ष्मण, हनुमान और वानर सेना ने माता सीता को रावण से छुड़ाने के लिए युद्ध किया था. भगवान राम और रावण के बीच कई दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ. माना जाता है कि भगवान राम ने 9 दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा की और 10वें दिन रावण का वध किया. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था. रावण के बढ़ते अत्याचार और अहंकार को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया और रावण का वध करके पृथ्वी को रावण के अत्याचारों से मुक्त कराया था. दशहरा का त्यौहार रावण यानी बुराई पर विजय पाने की खुशी में मनाया जाता है. इसलिए इस त्यौहार को विजय दशमी भी कहा जाता है.

दशहरे के दिन करें इस पक्षी का दर्शन

दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन अत्यंत शुभ और सौभाग्यशाली माना जाता है. भगवान शिव को नीलकंठ भी कहा जाता है. मान्यता है कि दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन और भगवान शिव से शुभ फल की कामना करने से जीवन में सौभाग्य, धन और सुख-समृद्धि आती है.

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