पीएचसी में वैक्सीन लगाने पहुंच रहे गांव के लोगउत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक गांव में रैबीज संक्रमित गाय की 2 दिन पहले हुई मौत के बाद से दहशत फैल गई है. कुछ दिन पहले ही गांव में आयोजित धार्मिक अनुष्ठान में इस गाय के कच्चे दूध से पंचामृत (चरणामृत) बनाया गया था, जिसे गांव के लगभग 200 लोगों ने आस्था के साथ ग्रहण किया था. धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करने वाले यजमान के घरवालों और रिश्तेदारों ने भी पंचामृत का सेवन किया था. दो दिन पहले गाय की मौत के बाद चिकित्सकों ने दूध का सेवन करने वाले सभी लोगों को रेबीज का इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी है. ऐसे में अब ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.
बताया जा रहा है कि गाय को दो से तीन माह पहले किसी पागल कुत्ते ने काट लिया था, जिसके बाद कुछ दिन पूर्व से ही वह अजीबो-गरीब हरकत कर रही थी. चिकित्सकों ने भी गाय के अंदर रेबीज के लक्षण बताए थे. यह घटना जिले के दक्षिण में बसे उरुवा ब्लॉक के रामडीह गांव की है. डॉक्टर की सलाह के बाद अब तक 170 से अधिक ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) उरुवा पहुंचकर एंटी रेबीज वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं.
रामडीह गांव के गाय पालने वाले सुशील गौड़ ने बताया कि जब कुछ दिन पहले उनकी गाय अजीबोगरीब हरकत करने लगी तो उन्होंने चिकित्सकों से परामर्श लिया. 2 दिन पहले गाय की मौत हो गई. वहीं, इससे कुछ दिन पहले ही गांव के धार्मिक अनुष्ठान में इस गाय के कच्चे दूध के बने पंचामृत का लोगों ने सेवन किया था.
पशुपालक ने बताया कि करीब तीन महीने पहले गाय को एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था. सुशील गौड़ ने जागरूकता दिखाते हुए अपनी गाय को तुरंत एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई थी, लेकिन जानकारी के अभाव में गाय का पूरी तरह सही से इलाज नहीं कराया. जिसके कारण धीरे-धीरे इंफेक्शन ने गाय को चपेट में ले लिया और स्थिति गंभीर होती चली गई. आखिरकार गाय की मौत हो गई.
गांव में राजीव गौड़ और सोनू विश्वकर्मा के यहां धार्मिक आयोजन रखा गया था, लेकिन बाद में यह जानकारी सामने आई कि गाय रेबीज से संक्रमित थी. गोरखपुर के उरुवां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डा. ए. पी. सिंह ने बताया कि एहतियात के तौर पर पंचामृत ग्रहण करने वाले हर व्यक्ति को तीन डोज दी जाएगी.
पहली डोज के तीन दिन बाद दूसरी और सातवें दिन तीसरी डोज लगाई जाएगी. पीएचसी पर ग्रामीणों की भीड़ लगातार बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि 170 से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. गांव के बहुत से लोग पंचामृत ग्रहण कर चुके हैं, इसलिए बेहद चिंतित हैं.
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