गेहूं की खेती में खरपतवार का खतराउत्तर भारत में इस समय किसान रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई में व्यस्त हैं. लेकिन जैसे-जैसे फसल बढ़ती है, वैसे-वैसे चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार भी खेत में फैलने लगते हैं. ये खरपतवार गेहूं के पौधों से पोषक तत्व, धूप और पानी छीन लेते हैं, जिससे उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में किसान बुवाई के शुरुआती दिनों में ही एक सरल उपाय अपनाकर इस समस्या से पूरी तरह बच सकते हैं.
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की फसल में शुरूआती 30 से 40 दिन बहुत जरूरी होते हैं. इसी समय खरपतवार तेजी से बढ़ते हैं और फसल की बढ़वार रोक देते हैं. खासतौर पर बथुआ, हिरनखुरी, अकरी, पनवा जैसे चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार फसल का दम घोंट देते हैं. अगर शुरुआत में ही इन्हें रोका जाए तो आगे की पूरी फसल सुरक्षित रहती है.
कृषि एक्सपर्ट के अनुसार, गेहूं की बुवाई के 3 दिन के भीतर लेकिन बीज के जमाव से पहले, किसानों को प्री-इमरजेंस खरपतवारनाशी का उपयोग करना चाहिए. इसमें सबसे प्रभावी विकल्प है पेंडामैथिलीन 30% ई.सी. (Pendimethalin 30% EC)
यह दवा मिट्टी की सतह पर एक पतली सुरक्षा परत बना देती है, जो खरपतवार के बीजों को उगने नहीं देती. इसी कारण फसल शुरुआत से ही खरपतवार-मुक्त रहती है और पौधों को अच्छा पोषण मिलता है.
इस दवा का सही उपयोग ही अच्छे नतीजे देता है. किसान निम्न तरीके अपनाएं:
1. बुवाई के तुरंत बाद छिड़काव करें
3 दिन के भीतर लेकिन बीज निकलने से पहले (Pre-emergence stage) छिड़काव करना सबसे प्रभावी होता है.
2. अनुशंसित मात्रा को पर्याप्त पानी में मिलाएं
दवा को साफ पानी में घोलकर स्प्रे पंप की मदद से पूरे खेत में समान रूप से छिड़कें.
3. मिट्टी पर बनी परत को टूटने न दें
पेंडामैथिलीन मिट्टी पर सुरक्षा परत बनाता है. इसलिए छिड़काव करते समय:
4. पहली सिंचाई
अगर कोई खरपतवार परत को पार करके निकल भी आए, तो पहली सिंचाई के दौरान वह स्वतः नष्ट हो जाता है.
अगर किसान गेहूं बुवाई के शुरुआती 3 दिनों के भीतर पेंडामैथिलीन 30% EC का छिड़काव कर दें, तो पूरे सीजन में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों की समस्या लगभग समाप्त हो जाती है. यह तरीका आसान, सुरक्षित और किफायती है, जिससे फसल की पैदावार भी बेहतर मिलती है.
ये भी पढ़ें:
PMFBY: अब जानवर करेंगे फसल का नुकसान तो भी मिलेगा हर्जाना, सरकार ने सुनी किसानों की फरियाद
Aaj Ka Mausam: एमपी-महाराष्ट्र में शीतलहर... दक्षिण में बारिश का अलर्ट, सतर्क रहें इन राज्यों के किसान
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today