RBI को बैंकों के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों में जबरदस्त इजाफा हो रहा है. माना जा रहा है कि लोगों को बैंकों के कामकाज के तरीकों से काफी ज्यादा शिकायते हैं. इनमें एटीएम और मोबाइल बैंकिंग से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं. RBI ने बैंकिंग से जुड़ी शिकायतों और निपटारे को लेकर लोकपाल योजना यानी RBI-IOS को शुरू किया था. लोकपाल योजना 2022-23 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक दर्ज शिकायतों की संख्या 7 लाख के पार हो गई है, जो बीते साल की तुलना में 68 फीसदी से अधिक है.
भारत में बैंकिंग सेवाओं में तमाम सुधार होने के बावजूद ग्राहक अभी भी बैंकिंग सेवाओं से नाखुश हैं. बैंकिंग सेवाओं के खिलाफ शिकायतें लेने के लिए शुरु की गई RBI की सर्विस के आंकड़ों से ये जानकारी निकलकर सामने आई है. RBI ने लोकपाल योजनाओं के तहत आने वाली शिकायतों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक RBI को 2022-23 में लोकपाल योजनाओं के तहत दर्ज शिकायतें 68 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई हैं. इसके बाद कुल शिकायतों की संख्या बढ़कर 7.03 लाख हो गई है.
आरबीआई को मिलीं शिकायतों में सर्वाधिक शिकायतें मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग, लोन, एटीएम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पेंशन पेमेंट, बैंकिंग समेत बाकी मामलों से जुड़ी थीं. शिकायत करने वाले राज्यों के आंकड़े देखें तो चंडीगढ़, एनसीटी दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात लोकपाल शिकायतों में टॉप पांच पोजीशंस पर थे. जबकि, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश से 2022-23 के दौरान सबसे कम शिकायते मिलीं.
बैंकों के खिलाफ शिकायतों का सबसे बड़ा हिस्सा यानी कुल 1 लाख 96 हजार 635 शिकायतें हैं. ये RBI को मिली कुल शिकायतों का 83.78 फीसदी है. ORBIO ने 2 लाख 34 हजार 690 शिकायतों का निपटान कर दिया है और CRPC में 4 लाख 68 हजार 854 शिकायतों का निपटारा किया गया है.RBI ने कहा कि ORBIO में निपटाई गई शिकायतों का 2022-23 के दौरान 33 दिनों का औसत टर्न अराउंड टाइम TAT है, जो 2021-22 के दौरान 44 दिनों से काफी बेहतर हुआ है. RBI-IOS 2021 के तहत निपटान योग्य शिकायतों में से ज्यादातर 57.48 फीसदी का समाधान आपसी समझौते सुलह या मध्यस्थता से किया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक कई शिकायतें RBI-IOS ने या तो खारिज कर दी हैं या शिकायतकर्ताओं ने वापस ले ली थीं. बैंकों के साथ-साथ गैर-बैंक पेमेंट सिस्टम से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ मिली शिकायतों की कुल संख्या में मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग से संबंधित शिकायतों का योगदान सबसे ज्यादा था. जबकि, NBFC के संबंध में निष्पक्ष व्यवहार संहिता का पालन ना करने से संबंधित शिकायतें सबसे ज्यादा थीं. (आजतक ब्यूरो)
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