केंद्र सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोगों की वित्तीय जरूरत पूरी करने के लिए हर कस्बे और शहर में सहकारी बैंक खोलने का लक्ष्य रखा है. इन सहकारी बैंकों के जरिए ग्रामीणों और किसानों को क्रेडिट-डेबिट कार्ड के साथ ही एटीएम सुविधा का लाभ मिलेगा. छूटे ग्रामीण इलाकों के लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने कमर कस ली है. इसके लिए राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त और विकास निगम (NUCFDC) का शुभारंभ किया गया है. यह NUCFDC निकाय रूरल एरिया के साथ ही अरबन इलाकों के लोगों को वित्तीय सहायता देने के साथ ही सहकारी बैंकों के सुरक्षा कवच के रूप में काम करेगा और उन्हें घाटा नहीं होने देगा.
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बीते दिन शनिवार को राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त और विकास निगम (NUCFDC) की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि करते हुए कहा कि इस प्रमुख निकाय एनयूसीएफडीसी से प्रत्येक शहर-कस्बे में एक शहरी सहकारी बैंक खोलने को कहा है. उन्होंने यह भी कहा कि शहरी सहकारी बैंकों को एटीएम सुविधा, क्रेडिट, डेबिट कार्ड, एडजस्टमेंट सिस्टम आदि सेवाएं दी जाएंगी. बता दें कि एनयूसीएफडीसी को गैर बैंकिंग वित्त कंपनी और शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक स्व नियामक संगठन के रूप में कार्य करने के लिए आरबीआई की मंजूरी मिल गई है.
गृह मंत्री ने कहा कि 20 साल बाद एनयूसीएफडीसी की स्थापना हुई है. यह समय की मांग है. मुझे खुशी है कि आरबीआई ने इसके लिए मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि अगर एनयूसीएफडीसी होता तो कुछ शहरी सहकारी बैंकों को घाटा नहीं होता. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि एनयूसीएफडीसी की स्थापना से शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में कई गुना वृद्धि होगी और ये देश की आर्थिक बढ़ोत्तरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.एनयूसीएफडीसी का मुख्य उद्देश्य शहरी सहकारी बैंकों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम का पालन करने और उनके काम में व्यावसायिकता लाने में मदद करना होना चाहिए.
अन्य वाणिज्यिक बैंकों की तरह शहरी सहकारी बैंकों को एटीएम सुविधा, क्रेडिट, डेबिट कार्ड, एडजस्टमेंट सिस्टम की सुविधा ग्राहकों को दी जाएगी. छोटे बैंकों के लिए एनयूसीएफडीसी एक सुरक्षा कवच के रूप में देखा जा रहा है. देश भर में 11,000 शाखाओं वाले 1,500 से अधिक शहरी सहकारी बैंक हैं और इनमें 5 लाख करोड़ रुपये की जमा राशि है. ऐसे में कहा जा रहा है कि रूरल और अरबन इलाकों में सहकारी बैंकिंग सेवाओं में तेजी से सुधार आएगा और बैंकों का घाटा कम करने में मदद मिलेगी.
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