शरीर को सेहतमंद रखने के लिए संतुलित और नियमित आहार का लेना काफी आवश्यक है. अगर आप इसमें कोताही बरतते हैं तो शरीर में कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं. इसमें एक रोग है ऑस्टियोपोरोसिस यह हड्डियों से संबंधित रोग है. इस रोग से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है. तो वहीं हड्डी कमजोर होने से शरीर में अकड़न और जकड़न महसूस होता है. इससे बचाव के लिए हड्डियों को मजबूत रखना जरूरी है. जिसके लिए जरूरी है कि कैल्शियम का सेवन किया जाए. असल में कैल्शियम की भरपूर मात्रा से हड्डियों के साथ-साथ मांसपेशियों और दांतों को मजबूती मिलती है. ऐसी कमजोरियों को दूर करने के लिए कैल्शियम का होना बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं कि शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाने के लिए किन मोटे अनाज को शामिल करना चाहिए.
सभी अनाजों में से सबसे अधिक कैल्शियम की बात करें तो सबसे अधिक कैल्शियम गेहूं में पाया जाता है. आईसीएआर की तरफ से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार गेहूं (Wheat) में सबसे अधिक कैल्शियम होता है, जिसमें 100 ग्राम गेहूं में 39.4 ग्राम तक कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है. इसके बाद 100 ग्राम रागी में 36.4 ग्राम कैल्शियम होता है. आइए जानते हैं कि किस मोटे अनाजों में कितना कैल्शियम होता है.
अनाज | कैल्शियम की मात्रा (प्रति 100 ग्राम अनाज में कितने ग्राम ) |
गेहूं | 39.4 |
रागी | 36.4 |
कंगनी | 31 |
ज्वार | 27.6 |
बाजरा | 27.4 |
संवा |
20 |
कुटकी | 16.1 |
कोदो | 15.3 |
चेना | 14 |
चावल | 7.5 |
स्त्रोत ICAR
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मोटे अनाज को सुपर फूड कहा जा रहा है. असल में मोटा अनाज शारीरिक मेहनत करने वाले कामगारों और बूढ़े लोगों के लिए काफी जरूरी है. मोटे अनाज को पैदा करने में कम मेहनत और कम पानी की आवश्यकता पड़ती है. इसलिए सरकार मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. इसके सेवन से बहुत सारे रोगों से छुटकारा मिलता है.
दुनियाभर में 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जा रहा है. इसका शुभारंभ 6 नवंबर 2022 को रोम और इटली से किया जा चुका है. यह आयोजन विश्व में मोटे अनाज की वैश्विक मांग बनाने के लिए किया जा रहा है. भारत सरकार ने 2018 में राष्ट्रीय बाजार को इसके लिए चिन्हित करने का फैसला लिया था. उसके बाद भारत नें 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को 2023 को अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव रखा था. भारत को 72 देशों का समर्थन मिला और संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिल्लेट्स के रूप में घोषित कर दिया है.
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