केंद्र सरकार की ओर से किसानों को कई तरह की योजनाओं के जरिए लाभ पहुंचाया जा रहा है. इसी तरह किसानों को कृषि यंत्र खरीद, फर्टिलाइजर, उपज बिक्री में सब्सिडी समेत अन्य तरह से सब्सिडी दी जाती है. यह राशि किसानों को सीधे उनके खाते में भेजने के लिए इकोसिस्टम विकसित जाएगा. एग्रीस्टैक योजना को इस दिशा में बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है. क्योंकि, इसके तहत किसानों का डाटा आधार से जोड़कर उनकी डिजिटल आईडी बनाई जा रही है. इससे योजनाओं के वितरण, नामांकन आदि पर निगरानी रखना आसान हो जाएगा और पात्र किसान तक योजना और सब्सिडी का लाभ पहुंचाना आसान हो जाएगा.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिन कहा कि उपज बिक्री और खरीद से मिडिलमैन को हटाने की जरूरत है ताकि किसान तक सही लाभ पहुंच सके और अब उन्होंने किसानों को सब्सिडी राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजने के लिए इकोसिस्टम बनाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सब्सिडी राशि सीधे किसान के खातों में ही डाली जाये ऐसा विश्वस्त तंत्र बनाने की कोशिश करेंगे. इससे उनकी मंशा किसान और सरकार के बीच से बिचौलियों को हटाना है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश से आए किसानों से बातचीत के दौरान कहा कि हमने पिछले 6-7 महीने में कई चीजें की हैं. हमारी प्राथमिकता खेती और किसानों को और आगे ले जाने की है. किसान अकेले मेहनत नहीं करता बल्कि पूरा परिवार मेहनत करता है. कई बार हम मौसम पर निर्भर रहते हैं. हमारी फसल भी खराब होती है. हमारी कोशिश यही होती है कि खेती को कैसे और आसान बनाएं. उन्होंने बताया कि हमने पिछले दिनों तय किया कि तुअर, मसूर, उड़द पूरी MSP पर खरीदी जाएगी. सोयाबीन के दाम कम होने पर विदेश से सस्ता तेल आता था. हमने 20 फीसदी आयात शुल्क लगाया जिससे विदेश से आयात होने वाला तेल महंगा हो सके.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं हर हफ्ते फसल का भाव देखता हूं, किस फसल का क्या भाव है, कैसे ठीक किया जा सकता है? इसके लिए मैं प्रत्येक सोमवार को समीक्षा करता हूं. उन्होंने बताया कि किसानों को खाद में सब्सिडी मिलती है, उसमें 2 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं. यूरिया की प्रत्येक बोरी 265 रुपये में मिलती है लेकिन वो बोरी 2400 रुपए में आती है. इस पर दी जाने वाली सब्सिडी कंपनी के खाते में जाती है. हम कोशिश करेंगे कि विश्वस्त तंत्र बन जाए जिससे सब्सिडी सीधे किसान के खातों में ही डाली जाये.
कृषि मंत्री ने कहा कि ड्रिप, पोलीहाउस, ग्रीन हाउस की सब्सिडी में भी खेल हो जाता है. ऐसी व्यवस्था बनाने की भी कोशिश कर रहे हैं कि सब्सिडी किसान के खाते में मिल जाये और पैसा उसी चीज के लिए दिया जाये जिसके लिए वह आवंटित किया गया है. उन्होंने किसानों से कहा कि पीएम आवास के नए मकानों का सर्वे भी हो रहा है. आप सभी अपने गांव में लोगों को जागरूक करें. अपने गांव में सर्वे ठीक से कराने में मदद करें जिससे ग़रीबों के लिए मकान ठीक से बन जाएंगे.
एग्रीस्टैक योजना से किसानों को डिजिटल करने की तैयारी देशभर में चल रही है. इसका उद्देश्य देश में कृषि को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाना और डेटा के जरिए डिजिटल सेवाओं की उपलब्धता को आसान और सरल बनाना है. इसके नतीजे में किसानों को किसानों के लिए बेहतर परिणाम हासिल करने में मदद मिलेगी. राजस्थान सरकार के अनुसार एग्रीस्टैक योजना का उद्देश्य किसानों के लिए सस्ते ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट, स्थानीय और विशिष्ट सलाह, बाजारों तक अधिक सुविधाजनक पहुंच को आसान बनाना है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में फार्मर रजिस्ट्री कराई जा रही है.
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