काला तिल या सफेद तिल? किसकी खेती में किसान को मिलेगी अधिक कमाई?

काला तिल या सफेद तिल? किसकी खेती में किसान को मिलेगी अधिक कमाई?

दोनों तरह के तिलों में लगभग एक जैसे पोषक तत्व होते हैं. दोनों ही आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. लेकिन आयुर्वेद के अनुसार काले तिल का सेवन आपके लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. सफेद तिल के मुकाबले काले तिल आयरन का बेहतर स्रोत होते हैं. इसमें फाइबर भी ज्यादा होता है, इसलिए इसका सेवन और भी फायदेमंद होता है.

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काला तिल या सफेद तिल? किसकी खेती में किसान को मिलेगी अधिक कमाई?काला और सफ़ेद तिल

सर्दी के मौसम में तिल का इस्तेमाल अधिकतर घरों में किया जाता है. तिल की तासीर गर्म होती है जिस वजह से सर्दियों में इसका इस्तेमाल अधिक से अधिक किया जाता है. कभी तिल के लड्डू हों या तिल की चिक्की बनाई जाती है. खासकर मकर संक्रांति के मौके पर काले तिल के लड्डू बनाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि तिल दो तरह के क्यों होते हैं, काला या सफेद, आपके लिए कौन सा ज्यादा सेहतमंद है और किसान किसकी खेती कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. 

कौन सा तिल अच्छा है

दोनों तरह के तिलों में लगभग एक जैसे पोषक तत्व होते हैं. दोनों ही आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. लेकिन आयुर्वेद के अनुसार काले तिल का सेवन आपके लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. सफेद तिल के मुकाबले काले तिल आयरन का बेहतर स्रोत होते हैं. इसमें फाइबर भी ज्यादा होता है, इसलिए इसका सेवन और भी फायदेमंद होता है. तिल ऊर्जा का भी अच्छा स्रोत है. तिल उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिनका वजन ज्यादा है क्योंकि इससे उन्हें ऊर्जा, फाइबर और हेल्दी फैट मिलता है. काले तिल के फ़ायदों को देखते हुए बाजार में इसकी मांग काफी अधिक है. जिस वजह से काले तिल की खेती कर किसान अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. 

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तिल के क्या फायदे हैं?

  • तिल हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होता है. तिल में कैल्शियम, डाइटरी प्रोटीन और अमीनो एसिड होते हैं. जो हड्डियों के विकास को बढ़ावा देने और मजबूत करने में मदद करते हैं. यह न केवल आपकी हड्डियों को मजबूत करता है बल्कि आपकी मांसपेशियों को भी लाभ पहुंचाता है.
  • एंटीऑक्सीडेंट ऐसे पदार्थ हैं जो आपके शरीर में विभिन्न प्रकार की कोशिका क्षति को रोकने या धीमा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने में मदद करते हैं. लंबे समय तक ऑक्सीडेटिव तनाव मधुमेह सहित कई पुरानी स्थितियों के विकास में योगदान दे सकता है.
  • अगर आप रोजाना तिल का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करते हैं तो इससे आपका तनाव कम हो सकता है. यह स्ट्रेस दूर करने में आपकी मदद करता है. इसलिए जिन्हें अधिक तनाव की समस्या है वो रोजाना तिल का सेवन सीमित मात्रा में कर सकते हैं.
  • काले तिल में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो उच्च ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है. तिल के तेल में मौजूद पॉलीअनसेचुरेटेड वसा और यौगिक सेसमीन रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए जाने जाते हैं. 

काले और सफेद तिल में पोषण मूल्य

पोषक तत्वों के नाम सफेद तिल काला तिल
आयरन  7.50mg  19.00mg
मैग्नीशियम 346mg 450mg
फास्फोरस 774mg 780mg
पोटैशियम 406mg 566mg
जिंक 10.23mg 9.16mg
प्रोटीन 16.96g 22.50g
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