Rural Development: ग्रामीण विकास के लिए काम करेंगे छात्र, जीविका के तहत बीएयू के 40 विद्यार्थियों का हुआ चयन 

Rural Development: ग्रामीण विकास के लिए काम करेंगे छात्र, जीविका के तहत बीएयू के 40 विद्यार्थियों का हुआ चयन 

Rural Development: बीएयू के 40 विद्यार्थियों का जीविका के तहत हुआ चयन है. चयनित छात्र ग्रामीण विकास को लेकर करेंगे काम. विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा यह मौका विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात.

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ग्रामीण विकास के लिए काम करेंगे छात्र, जीविका के तहत बीएयू के 40 विद्यार्थियों का हुआ चयन कृषि छात्रों के लिए शुरू हुआ प्लेसमेंट ड्राइव (Placement drive started for agriculture students)

Agriculture Student: बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर में  एक अनूठी पहल देखने को मिली. जहां, बीते दिनों जीविका (बिहार ग्रामीण आजीविका मिशन) के सहयोग से दो दिवसीय कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया गया. जिसमें , विश्वविद्यालय के ग्रैजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के 40 विद्यार्थियों का चयन किया गया. 23 से 24 मई तक चले इस कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव का  उद्देश्य "लाइवलीहुड स्पेशलिस्ट" पद के लिए ऐसे युवा प्रतिभाओं का चयन करना था, जो राज्य में ग्रामीण विकास की तस्वीर बदलने में योगदान दे सकें. साथ ही  ग्रामीण जीवन की रूपरेखा को एक सही दिशा के साथ समृद्ध कर सकें.

छात्रों के लिए किया गया प्लेसमेंट ड्राइव

बता दें कि इस प्लेसमेंट ड्राइव में कृषि और उद्यानिकी विषयों के ग्रैजुएट और कृषि, उद्यानिकी और एग्रीबिजनेस प्रबंधन विषयों के पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थियों ने भाग लिया. जिनका प्लेसमेंट ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू के दो चरणों के जरिए जीविका की टीम द्वारा चुना गया. वहीं, विश्वविद्यालय द्वारा इस तरह की पहल का शुरुआत  करना यह बताता है कि शिक्षा संस्थान और सामाजिक मिशन एक साथ आते हैं, तो युवाओं के लिए न केवल नौकरी, बल्कि समाज निर्माण की राह भी खुलती है.

छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने विद्यार्थियों का किया चयन 

बीएयू में दो दिवसीय कैंपस प्लेसमेंट की जिम्मेदारी जीविका की ओर से आए छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को दिया गया था . जिन्होंने ने विश्वविद्यालय में आकर न सिर्फ प्रक्रिया को संपन्न किया बल्कि छात्रों के उत्साह और कौशल की भी सराहना की. वहीं ,जीविका फिलहाल बिहार के 1.30 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है और यह भर्ती अभियान उसी प्रयास का हिस्सा रहा. वहीं, चयनित ये विद्यार्थी आने वाले दिनों में गांव के विकास को लेकर काम करेंगे. साथ ही ग्रामीण जीवन का आर्थिक पक्ष जीविका द्वारा कैसे मजबूत हो. इसको लेकर काम करेंगे.

विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि अंतिम वर्ष के दौरान ही विद्यार्थियों को रोजगार का अवसर मिल गया. अब ये छात्र न केवल अपने बेहतर  करियर की शुरुआत कर रहे हैं, बल्कि जीविका के माध्यम से राज्य के ग्रामीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. वहीं, कृषि संकाय के डीन डॉ. ए. के. शाह ने  छात्रों से इस अवसर को गंभीरता से लेने और बिहार की प्रगति में भागीदार बनने का आग्रह किया. वहीं, प्लेसमेंट सेल के प्रभारी डॉ. सी. के. पांडा ने कहा, “इस तरह की साझेदारियां छात्रों को न केवल रोजगार देती हैं, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर बदलाव लाने का अवसर भी प्रदान करती हैं.

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