केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि उनका मानना है कि आर्टिफिशयल इंटेंलीजेंस (एआई) कृषि क्षेत्र में क्रांति लाएगी और किसानों की स्थिति सुधारने में मदद करेगी. गडकरी शुक्रवार को बारामती में थे और यहीं पर उन्होंने कहा, 'बारामती स्थित कृषि विज्ञान केंद्र जरूर जाएं और वहाँ अपनाए जा रहे नवीन तरीकों को देखें. एआई निश्चित रूप से किसानों की मदद करेगा. मेरा मानना है कि एआई कृषि क्षेत्र में क्रांति लाएगा.'
इथेनॉल उत्पादन के बारे में बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि देश में 350-400 कारखाने इथेनॉल का उत्पादन करते हैं और किसानों को इससे काफी लाभ हुआ है. उन्होंने कहा, 'मक्के से उत्पादित इथेनॉल से किसानों ने 45,000 करोड़ रुपये कमाए हैं. पहले मक्के का भाव 1,200 रुपये प्रति क्विंटल था जो अब बढ़कर 2,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. मक्के का कृषि रकबा तीन गुना बढ़ गया है. जो लोग इसका विरोध करना चाहते हैं, मैं उनकी परवाह नहीं करूंगा. मेरा रास्ता साफ है.' उन्होंने इथेनॉल फ्यूल टेक्निक को लेकर हो रही आलोचना को भी खारिज करते हुए कहा कि जो लोग इस कदम का विरोध कर रहे हैं, वे अलग कारणों से ऐसा कर रहे हैं.
ई20 ईंधन (20 प्रतिशत इथेनॉल मिक्सड पेट्रोल) को लेकर सोशल मीडिया पर चिंता बढ़ रही है, जबकि विपक्षी कांग्रेस ने हाल ही में गडकरी पर हितों के टकराव के आरोप लगाए हैं. उनका यह दावा करते हुए कि वह इथेनॉल उत्पादन के लिए 'जोरदार पैरवी' कर रहे हैं. उनके दो बेटे इथेनॉल बनाने वाली कंपनियों से जुड़े हैं और सरकारी नीति से 'लाभ' उठा रहे हैं. इससे पहले गुरुवार को, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने कहा था कि पेट्रोल ईंधन में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने को लेकर सोशल मीडिया पर जो हंगामा मचा है, वह उन्हें राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए एक 'सशुल्क अभियान' है.
सोयाबीन के बारे में, गडकरी ने कहा कि किसानों को फसल उगाने में मुश्किल हो रही है. उन्होंने कहा, 'हमला हो रहा है, भाव अच्छे नहीं हैं और उत्पादन भी कम है. इस पर काफी रिसर्च की जरूरत है. कुछ तकनीकी बाधाएं हैं, लेकिन उन पर चर्चा की जाएगी.' 16वीं एग्रोविजन कृषि प्रदर्शनी, एग्रोविजन फउंडेशन और एमएम एक्टिव द्वारा संयुक्त रूप से मुख्य प्रवर्तक, केंद्रीय मंत्री गडकरी के मार्गदर्शन में आयोजित की जा रही है, जिसमें आधुनिक कृषि तकनीक और नए कृषि उपकरणों का प्रदर्शन किया जाएगा.
एग्रोविजन 2025, 21 से 24 नवंबर तक नागपुर में आयोजित किया जाएगा. गडकरी ने कहा कि इस प्रदर्शनी का उद्देश्य विदर्भ में किसानों की आत्महत्या को रोकना और क्षेत्र के किसानों को लाभान्वित करना है. उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में 450 से ज़्यादा संगठन हिस्सा लेंगे, जिनमें कृषि क्षेत्र की अग्रणी स्थानीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों, सरकारी विभागों, शोध संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों, बैंकों, बीमा कंपनियों, स्टार्टअप्स और एमएसएमई के स्टॉल होंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विदर्भ और आसपास के क्षेत्रों के लाखों किसान, डीलर, वितरक, सरकारी अधिकारी, मध्य भारत के कृषि वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस प्रदर्शनी में आएंगे. उन्होंने कहा कि एमएसएमई और कृषि स्टार्टअप्स के लिए एक विशेष हॉल बनाया गया है, जो युवा उद्यमियों को बाजार के अवसर खोजने में मदद करेगा. पिछले साल, प्रदर्शनी में लघु उद्योगों और स्टार्टअप्स के लगभग 100 स्टॉल लगाए गए थे.
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