बहराइच में आदमखोर जंगली जानवर का खौफ, 48 घंटों में दो मासूमों को बनाया निवाला, बुजुर्ग महिला हमले में घायल

बहराइच में आदमखोर जंगली जानवर का खौफ, 48 घंटों में दो मासूमों को बनाया निवाला, बुजुर्ग महिला हमले में घायल

बहराइच में आदमखोर जंगली जानवर ने बीती रात किए दो बड़े हमले. बुजुर्ग महिला को किया घायल, रात में सोते समय मां के साथ सो रही तीन माह की दुधमुंही बच्ची को गोद से उठाया, कुछ दूर मिला बच्ची का सिर्फ सिर और कपड़ा. 48 घंटे में दो मासूमों को खा गया आदमखोर जानवर, बीती देर शाम बुजुर्ग महिला को भी किया घायल, अस्पताल में भर्ती.

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बहराइच में आदमखोर जंगली जानवर का खौफ, 48 घंटों में दो मासूमों को बनाया निवालाबहराइच में आदमखोर जानवर का खौफ

यूपी के बहराइच में बीती रात अज्ञात जंगली जानवर अपनी मां के साथ घर के आंगन में सो रही तीन माह की दुधमुंही मासूम बच्ची को निशाना बनाया है. आदमखोर जानवर सोते समय बच्ची को उसकी मां की गोदी से छीन कर भाग गया. शुक्रवार सुबह बच्ची की खोपड़ी का मांस का टुकड़ा और उसके कपड़े बरामद हुए हैं. घटना के बाद घर में कोहराम मचा हुआ है. बीती देर शाम भी एक अज्ञात आदमखोर ने इसी क्षेत्र के एक गांव में एक बुजुर्ग महिला पर हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया. वहीं दो दिन पहले एक पांच वर्षीय बच्ची को भी आदमखोर जानवर घर से उठाकर भाग गया जिसका क्षत विक्षत शव गांव से दूर बरामद हो चुका है. 

बीते 48 घंटों में अज्ञात जानवर के हमलों की तीन घटनाओं में दो मासूमों की मौत से से इलाके में लोग काफी भयभीत हैं. वहीं जिले के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) डाक्टर राम सिंह यादव ने बताया कि जिले के कैसरगंज और उससे सटे बौंडी थाना क्षेत्र के गांवों में घटी घटनाओं में समानता नहीं देखी जा रही. इससे ये कहना काफी मुश्किल है कि दोनों घटनाएं भेड़िए के हमलों की हैं. दो दिन पहले जिस बच्ची पर भेड़िए ने हमला किया था उसके पग चिन्ह और उसे खाने का तरीका भेड़ियों से मैच करता है जबकि बीती रात हुई घटना इससे अलग लगती है.

आदमखोर भेड़िए के आतंक ने मचाया कोहराम

बहराइच जिले में बीते वर्ष अगस्त और सितंबर महीने में आदमखोर भेड़िए के आतंक ने जमकर कोहराम मचाया था और अकेले महसी इलाके के हरदी और खैरीघाट थाना क्षेत्र में महिला समेत 10 मासूमों की जान ले ली थी. इसके चलते यूपी सरकार को लुप्तप्राय हो रहे इस जंगली जानवर को देखते ही गोली मारने के आदेश देने पड़े थे. अब बहराइच में फिर अज्ञात आदमखोर जंगली जानवर ने दस्तक दी है. कुछ लोग इसे आदमखोर भेड़िए की वापसी का रिटर्न पार्ट टू बता रहे हैं.

बीती रात थाना बौंडी क्षेत्र के भौंरी बहोरवा गांव के दिनेश तिवारी की पत्नी घर के आंगन में अपनी तीन माह की दुधमुंही बच्ची के साथ सो रही थी. इसी दौरान रात करीब तीन बजे अज्ञात आदमखोर जानवर उसकी गोद से बच्ची को छीन कर भाग गया. आज सुबह उस मासूम की सिर्फ खोपड़ी का मांस और उसके कपड़े बरामद हुए. घटना के बाद गांव में लोगों का तांता लगा हुआ है. सूचना के बाद जिले के वन विभाग के अफसरों ने घटनास्थल का मुआयना किया और उसे पकड़ने का अभियान तेज कर दिया है. 

बीती देर शाम ही करीब नौ बजे थाना कैसरगंज क्षेत्र के मंझारा तौकली गांव के बभनन पुरवा में एक 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला शिवप्यारी अपने घर के पीछे गई थी. इसी दौरान घात लगाकर बैठे अज्ञात जंगली जानवर ने उन पर हमला कर उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया जिन्हें बहराइच मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है.

आदमखोर ने खाना खाते समय बच्ची को घर से उठाया

कैसरगंज थाना क्षेत्र में आदमखोर जंगली जानवर के हमलों की शुरुआत नौ सितंबर को रात करीब नौ बजे हुई जब मंझारा तौकली गांव के परागपुरवा मजरे में घर में अपनी बहन के साथ खाना खा रही रामजीत की पांच वर्षीय बेटी ज्योति को आदमखोर भेड़िया उठा ले गया. इसे ग्रामीण रात भर खोजते रहे लेकिन वह नहीं मिली, सिर्फ आदमखोर भेड़िए के पंजे के निशान मिले. दूसरे दिन जब वन विभाग और ग्रामीणों ने भेड़िए को खोजने का सर्च ऑपरेशन चलाया तो मासूम बच्ची का क्षत विक्षत शव बरामद हो गया.

आदमखोर जानवर को पकड़ने में तीन जिलों के नौ टीमें

कैसरगंज के मंझारा तौकली के परागपुरवा गांव में ज्योति को निशाना बनाए जाने के बाद से ही हरकत में आए वन विभाग ने आदमखोर को पकड़ने के लिए सर्च अभियान तेज किया है. कई जगह पिंजड़े लगाए हैं लेकिन सफलता नहीं मिली है. वहीं आदमखोर 48 घंटों के दौरान दो मासूमों को अपना निवाला बना चुका है और उसके हमले में बुजुर्ग महिला घायल है.

जंगली जानवर के हमलों ने ग्रामीणों की उड़ाई नींद

पिछले तीन दिनों के दौरान ताबड़तोड़ हुई जंगली जानवर के हमलों की घटनाओं ने इलाके के लोगों की रातों की नींद और दिन का सुकून गायब कर दिया है. हर तरफ खौफ फैल गया है.

बीते साल सरकार ने दिए थे शूट एट साइट के आदेश

बहराइच में आदमखोर जंगली जानवर के आतंक का ये पहला मौका नहीं है. इससे पहले जिले के महसी इलाके में जुलाई और अगस्त महीने में भेड़िए के हमले में एक महिला समेत दस लोगों की जान चली गई थी. बावजूद इसके आदमखोर भेड़िए को पकड़ने में वन विभाग नाकाम रहा जिसके बाद सरकार को आदमखोर भेड़िए को देखते ही गोली मारने के आदेश देने पड़े थे.

विधायक ने निकाल ली थी अपनी लाइसेंसी बंदूक

बीते साल भेड़िए की दहशत का आलम यह था कि महसी से क्षेत्रीय बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह को अपने समर्थकों के साथ भेड़िए को ढूंढने के लिए अपनी लाइसेंसी बंदूक भी निकालनी पड़ी थी. वे भेड़िए को पकड़ने के लिए गन्ने के खेतों की खाक छानते दिखाई पड़े थे.

जानवर के हमलों में हुई मौतों पर क्या बोले डीएफओ

जिले के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) डाक्टर राम सिंह यादव ने बताया कि तीन दिन पहले हुई घटना में मृतक बच्ची ज्योति आज के मासूम से बड़ी थी और उस पर हमला करने वाले जानवर के पग चिन्ह उसे खाने का तरीका भेड़ियों जैसा था तो उसे भेड़िए का हमला कहा जा सकता है. लेकिन बीती रात हुई घटना पहली घटना से मेल नहीं खाती. मृतक बच्ची की मां के मुताबिक उसकी बच्ची को ले जाने वाले जानवर का मुंह बड़ा और पूंछ लंबी थी और जिस तरह बच्ची को यह अज्ञात जानवर लगभग पूरी तरह खा गया है उससे ये घटना भेड़िए के हमले की नहीं लग रही है. 

प्रथम दृष्टया आज की घटना तेंदुए के हमले की लग रही है, लेकिन जब तक इन्हें पकड़ा नहीं जाता इसे कन्फर्म करना मुश्किल है. वैसे भी इस क्षेत्र में बड़े बड़े गन्ने के खेत हैं और नदी का कछार है तो किसी भी जानवर के इस क्षेत्र में आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. इस आदमखोर जानवर को पकड़ने के लिए वन विभाग ने कई जगह जाल और पिंजरा लगाया है और इन्हें पकड़ने में नौ टीमें काम कर रही हैं. साथ ही शासन से कई और टीमों की मांग की गई है. हमारे वन संरक्षक एन सम्हारन भी बहराइच में ही कैंप कर रहे हैं. उन्होंने ग्रामीणों से भी अपील की है कि लोग घरों के अंदर सोएं और अपने बच्चों को अकेले सुनसान वाले स्थानों पर न जाने दें.(रामबरन चौधरी का इनपुट)

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