Betel Variety: इन 8 राज्यों में सबसे अधिक होती है पान की खेती, एक से बढ़कर एक हैं लोकप्रिय किस्में

Betel Variety: इन 8 राज्यों में सबसे अधिक होती है पान की खेती, एक से बढ़कर एक हैं लोकप्रिय किस्में

भारत में पान का सेवन बड़े पैमाने पर किया जाता है. खासतौर पर माउथ फ्रेशनर के तौर पर इसका इस्तेमाल पसंद किया जाता है. इस पत्ते का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें नीबू, कत्था, सुपारी, गुलकंद और न जाने क्या-क्या मिलाया जा सकता है. कई लोगों को पान खाने की लत लग जाती है तो कई लोग इसके स्वाद के कारण इसे यूं ही खा लेते हैं.

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Betel Variety: इन 8 राज्यों में सबसे अधिक होती है पान की खेती, एक से बढ़कर एक हैं लोकप्रिय किस्मेंये है पान की मशहूर किस्में

भारत में पान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. इसका मुख्य कारण ये है कि यहां पान की मांग काफी ज्यादा है. जिस वजह से यहां पान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. आपको बता दें पान का इस्तेमाल धार्मिक कामों से लेकर खाने तक में इस्तेमाल किया जाता है. पान की बेल एक बारहमासी, सदाबहार बेल है जो उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय (tropical and subtropical) में बढ़ती है. आज के समय में पान की खेती स्थानीय खपत और निर्यात के लिए उगाया जाता है. प्रमुख पान उत्पादक देश में श्रीलंका, भारत, थाईलैंड और बांग्लादेश शामिल हैं. अगर भारत की बात करें तो इन 8 राज्यों में पान की खेती खासतौर पर की जाती है. जिस वजह से इन राज्यों में एक से बढ़कर एक किस्में मौजूद हैं. क्या है इन किस्मों का नाम आइए जानते हैं. 

ये हैं पान की किस्में-

  • आंध्र प्रदेश: करापाकु, चेनोर, तेलाकु, बंगला और कल्ली पट्टी
  • असम: असम पट्टी, अवनी पान, बंगला और खासी पान
  • बिहार: देसी पान, कलकत्ता, पाटन, मगही और बंगला
  • कर्नाटक: करियाले, मैसूरले और अंबाडियाले
  • ओडिशा: गोदी बांग्ला, नोवा कटक, सांची और बिरकोली
  • मध्य प्रदेश: देसी बंगाल, कलकत्ता और देस्वरी
  • महाराष्ट्र: कालीपट्टी, कपूरी और बंगला (रामटेक)
  • पश्चिम बंगाल: बंगला, सांची, मीठा, काली बंगला और सिमुरली बंगला 

माउथ फ्रेशनर के तौर पर होता है इस्तेमाल

भारत में पान का सेवन बड़े पैमाने पर किया जाता है. खासतौर पर माउथ फ्रेशनर के तौर पर इसका इस्तेमाल पसंद किया जाता है. इस पत्ते का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें नीबू, कत्था, सुपारी, गुलकंद और न जाने क्या-क्या मिलाया जा सकता है. कई लोगों को पान खाने की लत लग जाती है तो कई लोग इसके स्वाद के कारण इसे यूं ही खा लेते हैं. हालाँकि, अधिकांश लोग पान के पत्ते को इसके स्वास्थ्य लाभों के कारण नहीं खाते हैं. पान के पत्ते का वैज्ञानिक नाम पाइपर बेटल है.

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क्या हैं पान के पत्तों के फायदे?

पान के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं.
पान के पत्तों से फंगस की वृद्धि को रोका जा सकता है.
पान के पत्ते एलर्जी प्रतिक्रियाओं से बचाते हैं.
यह चोट और घाव को ठीक करने में मदद करता है.
पान कब्ज की समस्या को ठीक कर सकता है.

ओरल हेल्थ के लिए फायदेमंद है पान

पान के पत्तों का उपयोग दांतों को मजबूत बनाने और मुंह के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी किया जा सकता है. बैक्टीरिया से दांतों को होने वाले नुकसान को ठीक करने के लिए पान के पत्ते एक औषधि की तरह काम करते हैं. इसके साथ ही यह बैक्टीरिया से होने वाले मुंह के संक्रमण से भी राहत दिला सकता है.

इन पान के पत्तों को मिल चुका GI Tag

3 अप्रैल, 2022 को अमिताभ बच्चन के प्रसिद्ध गीत "खइके पान बनारस वाला" में प्रदर्शित बनारसी पान को जीआई टैग दिया गया. विभिन्न सामग्रियों के अनूठे मिश्रण और विशिष्ट स्वाद के लिए मशहूर बनारसी पान अपने आप में खास है. वहीं तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले के ऊथूर पान के पत्ते को तमिलनाडु राज्य कृषि विपणन बोर्ड और नाबार्ड मदुरै एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन फोरम द्वारा भौगोलिक संकेत (जीआई) प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है. साथ ही बिहार के मगही पान को भी GI Tag से सम्मानित किया गया है.

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