सहजन यानी मोरिंगा को सुपरफूड माना गया है. आयुर्वेद में सहजन के फायदे के बारे में खूब सारा वर्णन मिलता है. सहजन को पोषक तत्वों से भरपूर माना गया है. इसकी जड़ से लेकर पत्तियों तक सब कुछ उपयोगी है. लखनऊ स्थित केंद्रीय औषधि एवं सुगंध पौधा संस्थान (CIMAP) में सहजन पर शोध करने वाली डॉ.कामिनी सिंह ने अलग-अलग तरह की दवाएं विकसित की हैं जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों के लिए भी उपयोगी हैं. सहजन के उपयोग से 300 बीमारियों में फायदा होता है. भारत में सहजन का पौधा खूब पाया जाता है. वही सर्दियों के मौसम में सहजन के फायदे और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं. डायबिटीज से लेकर दिल को स्वस्थ बनाने में भी सहजन का बड़ा रोल है. सीमैप में मोरिंगा पाउडर से लेकर चाय और टेबलेट के रूप में सहजन की अलग-अलग तरह की दवाओं को विकसित किया गया है.
मोरिंगा यानी सहजन से आयुर्वेद में कई दवाओं का निर्माण हो रहा है. लखनऊ स्थित केंद्रीय औषधि एवं सुगंध पौधा संस्थान की महिला वैज्ञानिक डॉ. कामिनी सिंह ने बताया है कि मोरिंगा में 42 तरह के अमीनो एसिड पाए जाते हैं. वहीं इसमें संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन सी और केले से 15 गुना ज्यादा पोटैशियम पाया जाता है. सहजन में विटामिन ए, विटामिन b1, विटामिन B2, विटामिन B3, विटामिन बी 6, एस्कोरबिक एसिड, कैल्शियम ,पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस और जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
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अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक, आयुर्वेद में सहजन के उपयोग से 300 बीमारियों का उपचार किया जा रहा है. सहजन से अलग-अलग तरह की दवाओं का निर्माण भी किया जा रहा है. ऐसा दावा है कि सहजन से बनी हुई दवाओं का उपयोग करके डायबिटीज, दिल की बीमारी ,मस्तिष्क के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता और कुपोषण को दूर करने में मदद मिलती है. यहां तक कि सहजन से बनी हुई चाय का सेवन करके वजन को कम किया जा सकता है.
मोरिंगा के कई सारे फायदे हैं. सहजन को all-in-one हर्ब के रूप में पहचान मिली हुई है. इसके पेड़ से एंटीबायोटिक, एनाल्जेसिक एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीवायरल ,एंटीफंगल और एंटी एजिंग जैसे फायदे लिए जा सकते हैं .मोरिंगा के पाउडर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. गर्म पानी में दो चम्मच मोरिंगा पाउडर मिलाकर सुबह खाली पेट लेने से इसके फायदे मिलते हैं. सीमैप संस्थान में बनाई गई मोरिंगा टी का उपयोग करके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सकता है. वहीं वजन कम करने में भी यह काफी मददगार साबित हो सकता है.
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