आपके खाते से पैसे काटकर अपनी जेबें भर रहे बैंक, ग्राहकों के लिए मुसीबत बना मिनिमम बैलेंस पेनाल्टी नियम  

आपके खाते से पैसे काटकर अपनी जेबें भर रहे बैंक, ग्राहकों के लिए मुसीबत बना मिनिमम बैलेंस पेनाल्टी नियम  

न्यूनतम बैंक बैलेंस ना रखने वाले लोगों के खातों से काटी जा रही रकम बैंकों की कमाई का बड़ा जरिया बन रही है. सरकार की ओर से बताया गया कि मिनिमम बैंक बैलेंस पेनाल्टी के तौर पर 5 साल में बैंकों को साढ़े 8 हजार करोड़ रुपए मिले हैं. खास बात ये है कि सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI 2019-20 से ही मिनिमम बैलेंस पेनल्टी वसूलना बंद कर चुका है.

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आपके खाते से पैसे काटकर जेबें भर रहे बैंक, ग्राहकों के लिए मुसीबत बनी मिनिमम बैलेंस पेनाल्टी   SBI 2019-20 से ही मिनिमम बैलेंस पेनल्टी वसूलना बंद कर चुका है.

बैंक खातों में एक तय न्यूनतम रकम रखने की शर्त ज्यादातर बैंक रखते हैं. जो लोग इस बैलेंस को बरकरार रखने में चूक जाते हैं उनसे बैंक पेनाल्टी के तौर पर एक फिक्स रकम वसूलते हैं. बीते 5 साल के दौरान ग्राहकों से मिनिमम बैलेंस पेनल्टी के तौर पर वसूली गई रकम का आंकड़ा निकलकर सामने आया है. बताया गया कि बीते पांच साल में न्यूनतम बैलेंस जुर्माने के तौर पर ग्राहकों से साढ़े 8 हजार करोड़ रुपये बैंकों ने वसूले हैं. 

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में एक सवाल के जवाब में आंकड़े जारी किए हैं. बताया गया कि देश के सरकारी बैंकों ने बीते पांच साल में न्यूनतम बैलेंस जुर्माने के तौर पर ग्राहकों से साढ़े 8 हजार करोड़ रुपये वसूले हैं. ये रकम 2019-20 से लेकर 2023-24 के दौरान बैंकों को मिली है. हालांकि यहां ये जानना दिलचस्प है कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने 2019-20 से ही मिनिमम बैलेंस पेनल्टी वसूलना बंद कर दिया था, लेकिन SBI के इस वसूली को बंद करने के बावजूद पिछले पांच साल में सरकारी बैंकों की मिनिमम बैलेंस पेनल्टी 38 फीसदी बढ़ गई है.

10 सरकारी बैंकों ने पेनाल्टी के नाम पर पैसे वसूले 

सरकारी बैंकों का मिनिमम बैलेंस पेनल्टी को कैलकुलेट करने का तरीका अलग अलग है. जानकारी के मुताबिक 11 सरकारी बैंकों में से छह ने मिनिमम क्वार्टरली एवरेज बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर ग्राहकों से पेनाल्टी वसूली है. जबकि चार बैंकों ने मिनिमम एवरेज मंथली बैंलेस नहीं होने की वजह से ग्राहकों पर जुर्माना लगाया है. 

गांव, शहर और कस्बे के लिए अलग चार्जेस 

ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस की लिमिट शहरों और गांवों में अलग-अलग है. मिसाल के तौर पर पंजाब नेशनल बैंक के शहरी ग्राहकों के लिए सेविंग्स अकाउंट में न्यूनतम तिमाही औसत बैलेंस 2 हजार रुपये है. जबकि, कस्बों के लिए ये 1 हजार रुपये और गांवों के लिए 500 रुपये है. मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर शहरों में 250 रुपये, कस्बों में 150 रुपये और गांवों में 100 रुपये तक काटे जा सकते हैं.

किस बैंक ने कितने रुपये वसूले 

अगर बात करें देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI के बारे में तो बैंक ने 2019-20 में मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से 640 करोड़ रुपये कमाए थे, लेकिन उसके बाद बैंक ने ये नियम खत्म कर दिया. वहीं, 2023-24 में पंजाब नेशनल बैंक ने इस पेनल्टी से 633 करोड़ रुपये हासिल किए. जबकि, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 387 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक ने 369 करोड़ रुपये हासिल किए. इसके अलावा केनरा बैंक ने 284 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ इंडिया ने 194 करोड़ रुपये कमाए कमाए हैं.

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने ये जानकारी देते हुए कहा है कि बैंकों को खाता खोलते समय ग्राहकों को न्यूनतम जमा रकम के बारे में बताना चाहिए. इसके साथ ही अगर ग्राहक न्यूनतम बैलेंस को मेंटेन नहीं करता है तो बैंकों को जुर्माने के बारे में ग्राहक को बताना चाहिए. (आदित्य के राणा) 

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