भारत में श्री अन्न यानी मिलेट का बहुत महत्व है. इसकी विशेषता को देखते हुए इसे केंद्र सरकार ने श्री अन्न का नाम दिया है. इसी महत्व को देखते हुए देश में मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. मोटे अनाज में बाजरे की खेती का खूब बोलबाला है. भारत में बाजरा खरीफ की बहुत महत्वपूर्ण फसल है. वहीं, बाजरा बहुत ही फायदेमंद अनाज है. इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार भी किसानों को जागरूक कर रही है. बाजरे की रोटी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और आयरन पाया जाता है. इसके सेवन से पाचन तंत्र और हृदय रोग से छुटकारा मिलता है. इसकी खेती से भी किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजरा उत्पादन के मामले में कौन सा राज्य सबसे आगे है यानी सबसे अधिक बाजरा की खेती कहां होती है. आइए इस खबर में जान लेते हैं.
बाजरा उत्पादन के मामले में, राजस्थान देश के अन्य सभी राज्यों में सबसे आगे है. यहां की जलवायु और मिट्टी बाजरा की खेती के लिए काफी अनुकूल है. इस वजह से सबसे अधिक बाजरा की खेती राजस्थान में होती है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल बाजरा उत्पादन में अकेले राजस्थान की 41.34 फीसदी की हिस्सेदारी है.
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बाजरा उत्पादन के मामले में राजस्थान जहां सबसे आगे है. तो वहीं उसके बाद दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश है. यहां के किसान अधिक मात्रा में बाजरा उगाते हैं. यहां कुल 20.48 फीसदी बाजरा का उत्पादन होता है. वहीं, बाजरा के उत्पादन में तीसरे पायदान पर गुजरात है. इस राज्य की बाजरा उत्पादन में 12.19 फीसदी की हिस्सेदारी है. इसके अलावा चौथे पायदान पर हरियाणा है. इस राज्य का बाजरा उत्पादन में 10.83 फीसदी की हिस्सेदारी है. इसके अलावा पांचवें नंबर पर मध्य प्रदेश है जहां बाजरा का 9.36 फीसदी पैदावार होती है. यानी ये पांच राज्य मिलकर कुल 95 फीसदी बाजरा उत्पादन करते हैं.
बाजरे की खेती पूरी तरह से बारिश पर आधारित होती है. बाजरे की खेती कई प्रकार की मिट्टी में आसानी से की जा सकती है. इसके लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी सबसे बेस्ट होती है. ऐसे में खेत को तैयार करते समय 20-22 टन सड़ी हुई गोबर खाद पहली जुताई के समय खेत में डालें. वहीं, अच्छी बारिश होने के बाद 2-3 बार हैरो चलाकर खेत तैयार करें और मिट्टी को समतल करें, जिससे बारिश के समय जल का निकास अच्छी तरह से हो सके. उसके बाद बाजरे की बुवाई कर दें. इसकी बुवाई पंक्तियों में करनी चाहिए. पंक्तियों में बुवाई से फसल को कम पानी की जरूरत होती है और पौधे को सही मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं. बुवाई में 45 सेंमी पंक्ति से पंक्ति की दूरी और 10-12 सेंमी. पौधे से पौधे की दूरी रखनी चाहिए. साथ ही 2-3 सेंमी. गहराई पर बुवाई करनी चाहिए.
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