मराठवाड़ा, विदर्भ और पश्चिम महाराष्ट्र के किसान इस साल खरीफ सीजन की तबाही से जूझ रहे हैं. धुआंधार बारिश और बाढ़ ने फसलों को पूरी तरह नष्ट कर दिया. कहीं खेत बह गए, तो कहीं किसानों की मेहनत मिट्टी में मिल गई. सोयाबीन, कपास और मक्का जैसी प्रमुख फसलों के नुकसान से किसान आर्थिक संकट में हैं. दिवाली के ठीक पहले यह आपदा उनके जीवन में अंधेरा लेकर आई है.
सरकार की ओर से राहत पैकेज की घोषणा की गई है, लेकिन मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री दोनों ने ही समाज के संपन्न वर्गों और संगठनों से आह्वान किया था कि वे आगे बढ़कर किसानों की मदद करें. इसी अपील के बाद अमरावती में दो बड़े सामाजिक संगठनों ने किसानों की दिवाली रोशन करने की अनोखी पहल की है.
अमरावती की प्रवीण पोटे एजुकेशन सोसाइटी ने मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए तीन ट्रक राहत सामग्री भेजी. इस सामग्री में दाल, चावल, गेहूं, तेल, शक्कर, मिठाई, चिवड़ा, फरसाण और दिवाली नाश्ते की वस्तुएं पैक कर “दिवाली राहत किट” के रूप में तैयार की गईं.
इन ट्रकों को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर सोसाइटी के प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री प्रवीण पोटे पाटिल ने कहा —
“हम हर साल आपदा प्रभावित इलाकों में सहायता भेजते हैं. इस बार किसानों की हालत गंभीर है. सरकार पैकेज दे रही है, लेकिन समाज के हर वर्ग का कर्तव्य है कि वह किसानों की दिवाली रोशन करने में हाथ बंटाए.”
मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास सरकार की योजनाओं को मजबूती देते हैं और किसानों का मनोबल बढ़ाते हैं.
अमरावती के ‘एकता गरबा ग्रुप’ और ‘हनुमान चालीसा ट्रस्ट’ ने बाढ़ पीड़ित किसानों की मदद के लिए 21 लाख रुपये मुख्यमंत्री सहायता निधि में दान किए हैं.
यह पहली बार है जब किसी गरबा ग्रुप ने किसानों के लिए इतनी बड़ी राशि दी है.
अमरावती के बडनेरा विधायक रवि राणा ने बताया —
“सरकार आर्थिक सहायता दे रही है, लेकिन समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी. किसानों की दिवाली अंधेरी न हो, इस सोच से इन संस्थाओं ने जो कदम उठाया है, वह पूरे महाराष्ट्र के लिए प्रेरणा है.”
स्थानीय नागरिकों ने भी इन पहलों की सराहना करते हुए कहा कि अमरावती ने फिर साबित किया है कि जब किसान संकट में होता है, तो समाज उसका सबसे बड़ा सहारा बन सकता है.
जब विदर्भ, मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के किसान तबाही झेल रहे हैं, तब अमरावती के ये दो संगठन —प्रवीण पोटे एजुकेशन सोसाइटी और एकता गरबा ग्रुप और हनुमान चालीसा ट्रस्ट ने आगे बढ़कर इंसानियत की मिसाल पेश की है.
इन पहलों ने न सिर्फ मदद पहुंचाई है, बल्कि किसानों के चेहरों पर दिवाली से पहले मुस्कान भी लौटा दी है. इस समय अमरावती के पालक मंत्री और राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बा,भारतीय जनता पार्टी विधायक राजेश वानखेडे, प्रवीण तायडे और भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी और पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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