यूपी में MSP से कम कीमत पर धान की खरीद से बढ़ीं मुश्किलें, किसान नेताओं ने की सीएम से बड़ी मांग 

यूपी में MSP से कम कीमत पर धान की खरीद से बढ़ीं मुश्किलें, किसान नेताओं ने की सीएम से बड़ी मांग 

अपनी चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानों से धान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी कम दर पर खरीदा जा रहा है.  इससे किसान आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. सिंह ने पत्र में अपनी चिट्ठी में बताया कि इस साल सरकार द्वारा 2369 रुपये प्रति क्विंटल के घोषित एमएसपी पर खरीद न होने के कारण, किसान मजबूरी में मात्र 1300 से 1500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान बेच रहे हैं.

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यूपी में MSP से कम कीमत पर धान की खरीद से बढ़ीं मुश्किलें, किसान नेताओं ने की सीएम से बड़ी मांग यूपी में किसानों के साथ धान खरीद में हो रही धोखाधड़?

उत्तर प्रदेश में धान की खरीद चालू हो गई है. दूसरी ओर किसान संगठनों ने न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) से कम कीमत पर धान की खरीद का आरोप लगाया है. राष्‍ट्रीय किसान मजदूर संघठन के अध्यक्ष वीएम सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश अवस्थी को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में ही उन्‍होंने राज्‍य के किसानों की दुर्दशा पर गंभीर चिंता जताई है. साथ ही एमएसपी से कम पर धान खरीद का आरोप लगाया है. 

किसानों के साथ अन्‍याय 

अपनी चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानों से धान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी कम दर पर खरीदा जा रहा है.  इससे किसान आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. सिंह ने पत्र में अपनी चिट्ठी में बताया कि इस साल सरकार द्वारा 2369 रुपये प्रति क्विंटल के घोषित एमएसपी पर खरीद न होने के कारण, किसान लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बरेली जैसे जिलों में मजबूरी में मात्र 1300 से 1500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह स्थिति किसानों के साथ सीधा अन्याय है. 

याद दिलाया हाई कोर्ट का आदेश 

उन्होंने आगे लिखा कि जहां ओडिशा और छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकारों ने पिछले वर्ष किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदा था, वहीं उत्तर प्रदेश में किसानों को एमएसपी से वंचित रखा जा रहा है और बिचौलिए भारी मुनाफा कमा रहे हैं. वीएम सिंह ने अपनी चिट्ठी में यह भी बताया कि 25 साल पहले माननीय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि मंडी में लाए गए एफएक्यू (FAQ) धान की संपूर्ण मात्रा की सरकारी खरीद सुनिश्चित की जाए. उनका कहना था कि 22 सालों तक उच्च न्यायालय ने इस प्रक्रिया की निगरानी भी की थी. 

राइस मिलर्स उठा रहे फायदा 

पिछले दो वर्षों से, जब से यह जनहित याचिका निस्तारित हुई है, बिचौलियों और राइस मिलरों ने किसानों से बेहद कम कीमतों पर धान खरीदना शुरू कर दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार की नीति के अनुसार एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित की जाए. साथ ही यह सख्त आदेश जारी किया जाए कि कोई भी व्यक्ति अगर एमएसपी से नीचे धान खरीदे या बेचे, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वीएम सिंह का कहना है कि अगर ऐसा कदम उठाया गया तो यह राज्य के किसानों की परेशानियों को काफी हद तक कम करेगा. साथ ही साथ कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता व न्याय सुनिश्चित करेगा.

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