Agriculture Museum: कैसे उगता है आलू? कहां से आता है चावल? बच्चों के हर सवाल का जवाब मिलेगा यहां

Agriculture Museum: कैसे उगता है आलू? कहां से आता है चावल? बच्चों के हर सवाल का जवाब मिलेगा यहां

Agricultural Science Museum: बेंगलुरु में एक ऐसा कृषि विज्ञान संग्रहालय खोला जाएगा जिसमें कृषि के विकास को बताया और दिखाया जाएगा. बेंगलुरु में यह इकलौता ऐसा संग्रहालय होगा जहां पर बच्चों, छात्रों, लोगों और किसानों को कृषि के विकास के बारे में बताया और दिखाया जाएगा.

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Agriculture Museum: कैसे उगता है आलू? कहां से आता है चावल? बच्चों के हर सवाल का जवाब मिलेगा यहांबेंगलुरु में खुलेगा कृषि विज्ञान संग्रहालय, सांकेतिक तस्वीर, फोटो साभार: सोसिटी

Agricultural Science Museum: ग्रामीण क्षेत्रों से शहर में आए लगभग सभी बच्चों को पता होता है कि धान से चावल प्राप्त होता है. आलू की खेती कैसे होती है. आलू मिट्टी के ऊपर या मिट्टी के नीचे उगता है. वहीं, जब बात शहरी बच्चों की आती है, तो बहुत कम ही बच्चों को खेतीबाड़ी की बेसिक जानकारी भी होती है. ऐसे में शहरी बच्चों को खेतीबाड़ी की जानकारी देना बहुत जरूरी है. इसी क्रम में बेंगलुरु में एक ऐसा कृषि विज्ञान संग्रहालय खोला जा रहा है जिसमें कृषि के विकास को बताया और दिखाया जाएगा. मालूम हो कि बेंगलुरु में यह इकलौता ऐसा संग्रहालय होगा जहां पर बच्चों, छात्रों, लोगों और किसानों को कृषि के विकास के बारे में बताया और दिखाया जाएगा.

बता दें कि यह कृषि विज्ञान संग्रहालय गुरुवार से सभी के लिए खुल जाएगा. वहीं इस कृषि विज्ञान संग्रहालय का पूरा काम कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएएस) कर रहा है. मालूम हो कि इस संग्रहालय पर काम 2013 में शुरू हुआ था, लेकिन पिछले तीन वर्षों में इस प्रोजेक्ट में तेजी आई है और यह बनकर तैयार हो गया है.

कृषि विज्ञान संग्रहालय बनेगा ‘वन स्टॉप सॉल्यूशन’

यह कृषि विज्ञान संग्रहालय परिसर 963 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. अधिकारियों को उम्मीद है कि संग्रहालय अपने कई मॉडलों और लाइव उदाहरणों के माध्यम से लोगों, छात्रों और किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ‘वन-स्टॉप सॉल्यूशन’ के रूप में काम करेगा.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसवी सुरेश ने बताया, “शहरी हलचल के बीच, बच्चों को कृषि गतिविधियां देखने या अनुभव करने को नहीं मिलती हैं. यह महत्वपूर्ण है कि युवा दिमाग कृषि के बारे में जानें और जानें कि कृषि पद्धतियां कैसे विकसित हुई हैं. संग्रहालय बच्चों और छात्रों के लिए ज्ञान का आधार प्रदान करने में मदद करेगा.” 

कृषि विज्ञान संग्रहालय में हैं छह डिस्प्ले रूम

डॉ. एसवी सुरेश ने  आगे बताया, “विभिन्न विषयों और मॉडलों के साथ छह डिस्प्ले रूम हैं. जहां दो कमरों में कृषि पद्धतियों में इतिहास और प्रगति शामिल होगी, वहीं तीसरे कमरे में सॉयल साइंस यानी मृदा विज्ञान और फसल चक्र पर मॉडल होंगे. अन्य डिस्प्ले रूम में विभिन्न रोगों, फसल को संक्रमित करने वाले रोगाणुओं, मुर्गी पालन, सुअर पालन और रेशम उत्पादन जैसे सहायक व्यवसायों के बारे में जानकारी होगी.”

कृषि से संबंधित हर चीज की मिलेगी जानकारी 

डॉ सुरेश ने बताया, “कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय के परिसर में कई विभाग हैं. वहीं कई किसानों को भी आवश्यक जानकारी प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है. वे कृषि से संबंधित हर चीज के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. हमारा एक स्टाफ सदस्य भी संग्रहालय में मौजूद रहेगा और आए हुए लोगों, बच्चों, छात्रों और किसानों को अधिक जानकारी की आवश्यकता होने पर मार्गदर्शन करेगा.” 

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संग्रहालय में एक मिलेट्स गैलरी भी होगी. इसके अलावा एग्रीकल्चर मार्केटिंग पर भी डिटेल प्रदान किया जाएगा. वहीं कृषि मंत्री एन चालुवरायस्वामी और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक कृषि विज्ञान संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे.

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